अमरावती

गृहमंत्री देशमुख सहित 17 बरी

आचारसंहिता उल्लंघन मामले से

  • नवनीत राणा के नामांकन से संबंधित था मामला

अमरावती प्रतिनिधि/दि.३१– राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Home Minister Anil Deshmukh) तथा जिले की सांसद नवनीत रवि राणा सहित कुल 17 लोगों को स्थानीय अदालत ने वर्ष 2019 में दर्ज किये गये आदर्श आचारसंहिता का उल्लंघन करने के मामले से बाइज्जत बरी करते हुए इस मामले को खारिज कर दिया. इस बेहद महत्वपूर्ण मामले के फैसले की ओर सभी की निगाहें लगी हुई थी और शहर के ख्यातनाम विधिज्ञ दीप मिश्रा इस मामले में गृहमंत्री अनिल देशमुख व सांसद नवनीत राणा सहित सभी 17 लोगों की ओर से अकेले ही पैरवी कर रहे थे.
विस्तृत जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव की धामधूम के बीच 26 मार्च को कांग्रेस व राकांपा सहित घटक दलों का समर्थन रहनेवाली युवा स्वाभिमान प्रत्याशी नवनीत राणा ने अपना चुनावी नामांकन जिलाधीश कार्यालय में पेश किेया था. इस समय जिलाधीश कार्यालय में सीआरपीसी की धारा 144 लागू थी और 5 से अधिक लोगों को कलेक्ट्रेट के भीतर आने की अनुमति नहीं थी. लेकिन इसके बावजूद नवनीत राणा का नामांकन पत्र प्रस्तुत करते समय राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख सहित करीब 40-45 लोगोें की भीड जिलाधीश कार्यालय के भीतर घुस गयी थी. जिसके चलते जिलाधीश कार्यालय नियंत्रण कक्ष के फ्लाइंग स्कॉड पथक प्रमुख जीतेंद्र देशमुख ने गाडगेनगर पुलिस थाने में गृहमंत्री अनिल देशमुख व लोकसभा चुनाव प्रत्याशि नवनीत राणा सहित 17 लोगों के खिलाफ धारा 144 व आदर्श आचारसंहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करायी थी. जिसकी जांच करने के बाद जांच अधिकारी पीआई रविंद्र देशमुख ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. जिस पर स्थानीय प्रथम श्रेणी न्यायाधीश एस. ए. देशपांडे की अदालत में सुनवाई चली. जहां पर दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद न्यायालय ने गृहमंत्री अनिल देशमुख, चुनाव प्रत्याशी तथा वर्तमान सांसद नवनीत राणा, पूर्व विधायक रावसाहब शेखावत, रिपाइं नेता डॉ. राजेंद्र गवई व रामेश्वर अभ्यंकर, श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री हर्षवर्धन देशमुख, राकांपा नेता सुनील वर्‍हाडे, बाबा राठोड, गणेश खारकर, संगीता ठाकरे, पूर्व नगराध्यक्ष गणेश रॉय, कांग्रेस नेता अभिनंदन पेेंढारी व पुष्पा बोंडे तथा युवा स्वाभिमान के जीतू दुधाने, ज्योति सैरिसे, प्रशांत कांबले व रशिद खां हिदायत खां को आदर्श आचारसंहिता व धारा 144 का उल्लंघन करने के मामले से बाइज्जत बरी कर दिया.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से श्रीमती पवार तथा बचाव पक्ष के सभी आरोपियों की ओर से एड. दीप मिश्रा ने पैरवी की.

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