अमरावती

17 हजार लोगों ने लिया अपने हक का घर

60 हजार अभी भी किराए के मकान में

* संपत्ति पंजीयन और मुद्रांक शुल्क के रुप में शासन को मिले 128.86 करोड
अमरावती/ दि.18 – खुद का घर रहे ऐसा सभी को लगता है. अथवा हर परिवार का यह सपना रहता है. हाल में विविध योजना, कर्ज की सुविधा और आसान किश्तों के कारण अपना सपना पूरा करने के लिए सभी लोग भाग रहे है और इसी कारण शहर के तीन सहदुय्यम निबंधक कार्यालय में वर्षभर में 17 हजार 52 नागरिकों ने संपत्ति खरीदी का पंजीयन किया है. इस व्यवहार से शासन को 128 करोड 86 लाख 16 हजार 566 रुपए का राजस्व मिला है. फिर भी करीबन 60 हजार नागरिक अभी भी किराये के मकान में रहने की जानकारी है.
मनपा क्षेत्र में 1 लाख 69 हजार निवासी संपत्ति है. इसमें से 1 लाख 34 हजार निवासी संपत्ति तथा शेष अनिवासी और वाणिज्य विषयक संपत्ति है. इस संपत्ति के बदले 50 करोड के कर की मांग प्रशासन व्दारा की जाती है. इस तुलना में 39 करोड रुपए टैक्स की वसूली हुई है. अब अधिक संपत्ति का पंजीयन होने से टैक्स की मांग भी बढने वाली है. शहर के तीन सहदुय्यम निबंधक कार्यालय को 77.50 करोड का लक्ष्य है. लेकिन यह लक्ष्य नवंबर माह में ही पूर्ण हुआ है. वर्ष के अंत में 128.86 करोड का राजस्व शासन को प्राप्त हुआ है. इस चालू वर्ष का अभी तक लक्ष्य नहीं मिला रहने की बात बताई जाती है.

शहर की आबादी 9 लाख के करीब
मनपा क्षेत्र में बडी संख्या में ले-आउट होते जा रहे है. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक शहर की आबादी 6 लाख 46 हजार 801 हैं और पश्चात 11 वर्षों में यह जनसंख्या 2 लाख से बढने की संभावना है.

पूर वर्ष में शहर की संपत्ति का पंजीयन
शहर के तीन सहदुय्यम निबंधक कार्यालय में 17 हजार 52 संपत्ति का पंजीयन हुआ है. इनमें 1नंबर के सहदुय्यम पंजीयन कार्यालय में 4837 दस्त पंजीयन हुआ. 2 नंबर के कार्यालय में 4482 और 3 नंबर के कार्यालय में 7733 दस्त पंजीयन हुए है. शहर में हर वर्ष 20 हजार के करीब संपत्ति का पंजीयन होता है और इसके जरिए शासन को लगभग 150 करोड का राजस्व मुद्रांक शुल्क और पंजीयन शुल्क के जरिए प्राप्त होता है. कोरोना काल में इसमें कुछ कमी आयी थी. वह कमी इस वर्ष में दूर हुई दिखाई देती है.

इस कारण बढी घर की खरीदी
कोरोना और उसके पश्चात रशिया-यूक्रेन युध्द के कारण निर्माण साहित्य के दाम बढे थे. पश्चात सरकार ने संपत्ति खरीदी को प्रोत्साहन देने के लिए मुद्रांक शुल्क में सुविधा दी. प्रत्येक को खुद का घर चाहिए, ऐसा लगने से खरीदी में बढोत्तरी हुई. हमारे कार्यालय को वर्ष के अंत में 119.22 प्रतिशत राजस्व मिला है. पिछले वर्ष मुद्रांक शुल्क में सुविधा मिली, इसका भी अनेकों ने लाभ लिया है. संपत्ति का व्यवहार बढने से लोग मकान खरीदी की तरफ बढते दिखाई दे रहे है.
– गजानन बाखडे, सहदुय्यम निबंधक 3 नंबर कार्यालय.

 

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