अमरावतीमहाराष्ट्र

17 वर्षीय नवयुवक को मिला जीवनदान

डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में जटिल न्यूरोवस्क्युलर ट्यूमर शस्त्रक्रिया सफल

अमरावती/दि.3– एक 17 वर्षीय नवयुवक को कुछ वर्षों से नाक से साँस लेने में दिक्कत , नाक से खून बहना , सरदर्द , चेहरे पर तथा आँख पर सूजन की शिकायत के लिए बुलढाणा से डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल ईलाज हेतु रेफेर किया गया . यहाँ के कान , नाक , गला विभाग में डॉ. नीरज मुरके , डॉ. सृष्टी अगम तथा डॉ. प्राजक्ता मोहले की टीम ने उसकी जाँच की . प्राथमिक जाँच करने पर उन्हें मरीज की नाक में एक ट्यूमर होने का अनुमान लगा . उसे तुरंत भर्ती किया गया . अत्याधुनिक दूरबीन द्वारा मरीज की नाक और संलग्न हिस्सों की जाँच करने पर पता चला कि यह ट्यूमर नाक , बाये गाल के पीछे , आँख के नजदीक होते हुए मुँह के अंदर तक फैला हुआ है. जाँच से यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि यह एक न्यूरोवस्क्युलर ट्यूमर है , यानि यह शरीर की महत्वपूर्ण रक्त पेशियों से जन्मा एक ट्यूमर है .
डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में ही इस मरीज का सिटी स्कैन कर यह किन रक्त पेशियों से निकला है यह पता लगाया गया . यह ट्यूमर शरीर की एक महत्वपूर्ण रक्तपेशी जिसे कैरोटिड आर्टरी कहा जाता है, वहाँ से होने का पता चला .
सर्व प्रथम इंटरवेंशनल रेडियोलोजी की सहायता से नागपुर के सुप्रसिद्ध इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डॉ. शिशिर रावेकार को डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में बुलाकर इस ट्यूमर के खून के प्रवाह को कम करने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गयी . डॉ. शिशिर ने उस ट्यूमर में जाने वाली रक्त पेशियों को इंटरवेंशनल रेडियोलोजी की अत्याधुनिक पद्धती द्वारा कुछ दिनों के लिए बंद किया किया . ऐसा करने से इस वस्क्युलर ट्यूमर को निकालने में कम से कम खून का रिसाव होता है .
तद्पश्चात 48 घंटो के भीतर इस ट्यूमर को निकालना होता है . इस हेतु संभाजी नगर के ख्यातनाम कान, नाक, गला तज्ञ डॉ. रितेश भाग्यवन्त तथा डॉ. सचिन नगरे को डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में आने का न्योता दिया गया और इस गरीब मरीज को कही भी दूसरे बड़े शहर ना भेजने का संकल्प चिकित्सकों ने लिया .
वस्क्युलर ट्यूमर होने की वजह से शस्त्रक्रिया दरम्यान काफी खून जाने का अंदेशा ध्यान में रखते हुए मरीज हेतु रक्त की मांग उठी . इस मरीज का रक्तगट -इ+ था जो आसानी से नही मिलता है . परंतु डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. आशुतोष सदरे , मेडिकल कॉलेज के छात्र , नर्सिंग कॉलेज से श्री वंदन , श्री शांतनु , श्री आदेश राऊत , इत्यादि ने -इ+ ब्लड लाया और एक ही दिन में 7 बोतल खून जमा किया .
डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के डॉक्टर तथा कर्मचारियों द्वारा किया गया यह मानवतापूर्ण कार्य काफी सराहा जा रहा है .
सभी जाँच सकारात्कमक आने के बाद मरीज की दूरबीन द्वारा शस्त्रक्रिया प्लान की गई , जिसमे डॉ. रितेश भाग्यवन्त , डॉ. सचिन नगरे , डॉ. नीरज मुरके , डॉ. प्राजक्ता मोहळे , डॉ. सृष्टि अघम की टीम का योगदान महत्वपूर्ण रहा . लगभग 8 घंटे चलने वाली इस शस्त्रक्रिया को डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपेरशन थेटर में किया गया . कॉलेज में कार्यरत मशहूर सुंगणीतज्ञ डॉ. राधा सावदेकर , डॉ. नीतिन अलसपुरकर तथा डॉ. गौरव देशमुख की टीम ने इस लंबे चलने वाली शस्त्रक्रिया हेतु मरीज को बेहोश करने का महत्वपूर्ण कार्य किया . शस्त्रक्रिया से निकाले गए इस ट्यूमर के बाहर आते ही वहाँ उपस्थित सभी लोगों के होश उड़ गए . यह ट्यूमर 16 ला लंबा व 5 ला चौड़ा था जिसका वजन 40 ग्राम था . इस ट्यूमर को जाँच हेतु यही की अत्याधुनिक लेबोरेटरी में भेजा गया जहाँ इसे एनजीओफायब्रोमा बताया गया.
एंजियोफायब्रोमा एक दुर्लभ, गैर-कैंसरयुक्त (बिनाइन) लेकिन आक्रामक ट्यूमर है, जो आमतौर पर किशोर लड़कों में पाया जाता है. यह नाक और गले के पिछले हिस्से (नासोफैरिंक्स) में विकसित होता है। इसे जुवेनाइल नासोफैरिंजियल एंजियोफायब्रोमा (गछ-) भी कहा जाता है.
इसका सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह हार्मोनल बदलावों और किशोरावस्था के दौरान होने वाले विकास से संबंधित हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में महात्मा ज्योतिराव फुले योजना ( चगझ-ध ) कार्यरत है , जिससे जरूरतमंद मरीजो को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मुफ्त में दी जा रही है . एंजीओफायब्रोमा की यह शस्त्रक्रिया जो निजी अस्पताल में करीब 2 लाख खर्चा करवाती , वह डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में महात्मा ज्योतिराव फुले जनआरोग्य के अंतर्गत बिल्कुल मुफ्त में की गई ऐसी जानकारी वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. नीरज मुरके द्वारा दी गयी .
इंदिरा बहुउद्देश्यीय संस्था द्वारा संचालित डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के अध्यक्ष श्री योगेंद्र गोडे , सचीव मिस. तन्वी गोडे , डॉ. योगेश गोडे , अधीष्ठाता डॉ. जयंत देशमुख , डायरेक्टर डॉ. सुनील हातकर ने इस ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालने हेतु चिकित्सको का अभिनंदन किया है .

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