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17 वर्ष बाद मनपा क्षेत्र में होगा संपत्तियों का ‘असेस्मेंट’

प्रशासकराज में पहला प्रभावी कदम

* आर्थिक बूस्टर हासिल करने का प्रयास
अमरावती/दि.14– करीब 17 वर्षों के अंतराल पश्चात अमरावती शहर में स्थित सभी संपत्तियों का नये सिरे से मूल्यांकन यानी असेस्मेंट करने को लेकर मनपा प्रशासन द्वारा प्रयास शुरू कर दिये गये है. जिसके तहत पुनमूर्ल्यांकन हेतु प्रशासन द्वारा पात्र कंपनियों से आवेदन मंगाये गये है. आगामी माह के दौरान आवेदक कंपनियों की पात्रता को जांचने व परखने के बाद उन्हें असेस्मेंट हेतु लगनेवाली सेवा, सॉफ्टवेअर व संपत्तियों की जानकारी को डिजीटलाईज करने का काम सौंपा जायेगा. इसके साथ ही करीब 17 वर्ष के अंतराल पश्चात अमरावती शहर में मनपा द्वारा संपत्तियों का पुनर्मूल्यांकन किया जायेगा. यह विगत 9 मार्च से मनपा में शुरू हुए प्रशासकराज का पहला प्रभावी कदम है. जिसके जरिये प्रशासक प्रवीण आष्टीकर द्वारा मनपा को आर्थिक बूस्टर डोज दिलाने का प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में करीब 1 लाख 54 हजार अचल संपत्तियां है. जिनसे मनपा को 37 करोड 11 लाख रूपये का कर मिलता है. जारी आर्थिक वर्ष 2021-22 में बकाया कर को जोडकर 52 करोड 94 लाख रूपये की वसुली होना अपेक्षित है. विगत एक दशक के दौरान अमरावती महानगर में चारों ओर रिहायशी बस्तियां बडी तेजी से बढ रही है. साथ ही कई पुरानी संपत्तियों में भी काफी बदलाव हुए है. ऐसे सैंकडों-हजारों संपत्तियों की महानगरपालिका के पास जानकारी अपडेट नहीं हुई है और इन संपत्तियों पर लगनेवाले कर में भी कोई संशोधन नहीं हुआ है. इससे पहले वर्ष 2005-06 में मनपा कार्यक्षेत्र अंतर्गत स्थित संपत्तियों का उपरी स्तर पर औसत सर्वेक्षण हुआ था. इसके पश्चात वर्ष 2015-16 में संपत्तियों के पुनर्मूल्यांकन हेतु ्रप्रयास किये गये. किंतु इस हेतु नियुक्त निजी कंपनी ने अपनी टाईमपासवाली नीति से मनपा का नुकसान ही किया. पश्चात वर्ष 2017 में एक बार फिर एक नई कंपनी की नियुक्ति की गई. किंतु इसे लेकर राजनीतिक क्षेत्र से कई आपत्तियां दर्ज करायी गई. अंतत: सरकारी स्तर पर निर्णय लेते हुए एक निजी कंपनी को समूचे राज्य में स्थायी स्वायत्त संस्थाओं के अंतर्गत आनेवाली संपत्तियों के पुनर्मूल्यांकन का जिम्मा सौंपा गया. लेकिन यह कंपनी भी इस काम में नाकाम साबित हुई.
लेकिन अब महानगर पालिका में प्रशासक राज है. ऐसे में प्रशासन के लिए बिना किसी राजनीतिक दबाव के हर तरह के फैसले लेना आसान हो गया है. जिसके चलते मनपा की आय को बढाने हेतु पहला प्रभावी कदम उठाया गया है. जिसके लिए 10 मार्च से निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है और 16 मार्च को प्री-बीड मिटींग होगी. पश्चात 1 अप्रैल को निविदाएं खोलते हुए असेस्मेंट के कार्य हेतु पात्र कंपनी का चयन किया जायेगा. इसके साथ ही करीब 17 वर्ष पश्चात संपत्तियों के पुनर्मूल्यांकन का प्रलंबीत कार्य रफ्तार पकडेगा और असेस्मेंट होने पर मनपा की तिजोरी में 200 करोड की आय का इजाफा हो सकता है.

* मनपा पर 200 करोड का दायित्व
मनपा के आर्थिक स्त्रोत बेहद मर्यादित व सीमित स्वरूप के है. इसमें भी संपत्ति कर ही मनपा की आय का सबसे बडा स्त्रोत है. जिसके जरिये मनपा को 37 करोड 11 लाख रूपये की आय होती है. किंतु इस आय के दम पर विविध कामों पर खर्च करना एवं आपूर्तिकर्ताओं का भुगतान करना मनपा के लिए संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में मनपा पर 200 करोड रूपयों की देनदारी है. विगत दिनोें खत्म हुई पंचवार्षिकी में इसी वजह के चलते सदस्यों को वॉर्डविकास व स्वेच्छा निधी भी पूरी नहीं मिल पायी. ऐसे में मनपा के खर्चों और आय का संतुलन बिठाने हेतु मनपा की आय के स्त्रोत को बढाना बेहद जरूरी हो चला है.

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