अमरावती

जिले में 1739 लोगों को सर्पदंश

शहर में सर्वाधिक 1045 लोग हुए शिकार

  • 20 लोगों की सर्पदंश से हुई मौत

अमरावती/दि.2 – जिले में गत वर्ष जनवरी से नवंबर माह के दौरान सर्पदंश के 1739 मामले सामने आये. इसमें से 20 लोगों की सर्पदंश के चलते मौत हो गयी. इसमें भी यह उल्लेखनीय है कि, अकेले अमरावती शहर में ही सर्पदंश के 1045 मामले सामने आये है. बता दें कि, अमरावती जिले में मुख्य रूप से 4 प्रकार के जहरीले सांप पाये जाते है. जिसमें से फुरसे प्रजाति का सांप पहाडी इलाके में और घोणस, मण्यार व नाग प्रजाति के सांप ठंडी और काली मिट्टीवाले इलाकों में पाये जाते है. वर्ष 2019 में सर्पदंश की 3 हजार 604 घटनाएं घटित हुई थी. जिसमें से 31 लोगों की मौत हुई थी. वहीं बीते वर्ष 2020 जनवरी से नवंबर माह के दौरान 11 माह में 1739 लोगों को सांप ने डसा और 20 लोगोें की मौत हो गयी. इसमें अमरावती तहसील में सर्पदंश की 1045 घटनाएं हुई. जिसमें से 15 लोगों की मौत हुई. वहीं तिवसा तहसील में 127 लोगों को सांप ने डसा. जिसमें से दो लोगों की मौत हुई. इसके अलावा अंजनगांव सूर्जी में सर्पदंश की 27 घटनाएं सामने आयी. जिसमें से 2 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी.

जिले में जहरीले व बिना जहरवाले सांपों की है प्रजाति

जिले में सांपों की अति जहरीले, जहरीले एवं बिना जहरीले प्रकार की प्रजाति पायी जाती है. जिसमें से जहरीले सांपों में फुरसे, घोणस, मण्यार व नाग का समावेश है. इसमें से फुरसे प्रजाति का सांप नेरपिंगला, छत्री तालाब व मेलघाट क्षेत्र में पाया जाता है. वहीं अन्य स्थानों पर अन्य तीन प्रकार के जहरीले सांप पाये जाते है. इसके अलावा जिले में धामण, हरणटोल, अंडाखाउ, जाडरेती, मांजर्‍या, तस्कर, ब्राण्डेड कुकरी व धुलनागीण जैसे बिना जहरीले सांपों की प्रजाति भी पायी जाती है.

सर्पदंश के बाद यह ऐहतियात है जरूरी

सांप द्वारा जिस अंग पर डसा गया है, वहां से कुछ ही दूरी पर रक्तप्रवाह बंद हो जाये, इस तरह से कपडे से कसकर बांध लिया जाये. धैर्य बिल्कूल न खोये और झाड-फूंक व तंत्रमंत्र के चक्कर में पडे बिना सीधे सरकारी अस्पताल पहुंचे. जहरीले सांप के कांटने के बाद इलाज हेतु जरूरी रहनेवाली एंटीस्नेक व्हेनम नामक जीवनरक्षक दवाई केवल सरकारी अस्पताल में ही उपलब्ध रहती है. अत: किसी भी निजी अस्पताल में जाकर अपना समय नष्ट न करे. इलाज के समय डॉक्टर को सहज ढंग से सही जानकारी देने पर योग्य व समूचित इलाज किया जा सकता है. ऐसी जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है.

जिले में एंटीस्नेहक वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक

जिले के प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र व उपकेंद्र में तीन माह के औसत अनुमान अनुसार स्नेकएंटी व्हेनामस सीरम की आपूर्ति डॉक्टरों की मांग पर की जाती है. फिलहाल इस प्रतिबंधात्मक दवाई के 1700 वायल उपलब्ध है. जिन्हेें प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर मांग एवं जरूरत के अनुरूप पहुंचाया जायेगा. ऐसी जानकारी जिला सामान्य अस्पताल के फार्मसी ऑफिसर योगेश वाडेकर द्वारा दी गई.

तहसीलनिहाय सर्पदंश

अमरावती – 1045
धारणी – 27
अंजनगांव – 17
चांदूर रेल्वे – 23
चिखलदरा – 03
धामणगांव – 32
तिवसा – 127
नांदगांव – 41
भातकुली – 01
वरूड – 94
अचलपुर – 175
मोर्शी – 52
चांदूर बाजार – 42
दर्यापुर -23

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