अमरावतीमहाराष्ट्र

दो माह में अमरावती संभाग में 175 किसानों की आत्महत्या

अमरावती और यवतमाल जिले 48, बुलढाणा 34, अकोला 33 और वाशिम जिले में 12 किसानों की खुदकुशी

* सभी नेता लोकसभा चुनाव में व्यस्त
अमरावती /दि. 13– किसानो की आत्महत्या की श्रृंखला रुकने का नाम नहीं ले रही है. राज्य सरकार ने किसानो के लिए अनेक उपाययोजना करने का दावा किया रहते जनवरी और फरवरी माह में राज्य में 427 किसानो ने आत्महत्या की है. विदर्भ में सर्वाधिक 230 किसानो ने आत्महत्या की रहने की जानकारी आपदा व्यवस्थापन विभाग ने दी है. इनमे 175 किसानो की आत्महत्या अमरावती संभाग के पांचो जिलो में है.
संभाग में आत्महत्या करनेवाले 175 किसानो में अमरावती जिले के 48, अकोला जिले के 33, यवतमाल जिले के 48, बुलढाणा जिले के 34 और वाशिम जिले के 12 किसान है, ऐसी जानकारी आपदा व्यवस्थापन विभाग के उपसचिव संजय धारुरकर ने दी. किसानो के लिए विविध योजना चलानेवाला महाराष्ट्र राज्य है. लेकिन ऐसा रहते हुए भी राज्य के किसानो की आत्महत्या की श्रृंखला नहीं रुक रही है. राज्य सरकार ने किसानो को फसल कर्ज माफी सहित फसल बीमा और अन्य योजना से राहत देने का प्रयास किया. लेकिन यह शाश्वत उपाययोजना नहीं है. केवल मरहमपट्टी करने से किसानो के प्रश्न हल नहीं होते, ऐसा किसान संगठना का कहना है.
जनवरी, फरवरी माह में राज्य के किसानो की आत्महत्या में भारी वृद्धि हुई है. पश्चिम विदर्भ में 175 किसानो ने और पूर्व विदर्भ में 54 किसानो ने व मराठवाडा में 146 किसानो ने खुदकुशी की है. पिछले दो माह में आत्महत्या करनेवाले 427 किसानो में से 62 आत्महत्याग्रस्त किसान परिवार नुकसान भरपाई के लिए पात्र हुए है. जबकि 23 परिवार अपात्र ठहराए गए है. 427 में से 327 आत्महत्याग्रस्त परिवार के प्रकरण प्रलंबित है. अब तक केवल 40 आत्महत्याग्रस्त किसानो को सरकार द्वारा नुकसान भरपाई दिए जाने की जानकारी धारुरकर ने दी है. इस संदर्भ प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसान सभा के नेता अजीत नवले ने कहा कि, किसानो की आत्महत्या बढने के लिए नैसर्गिक आपदा और अन्य संकट कारणीभूत है. सरकार कामचलाऊ उपाययोजना करती है अथवा 6 हजार रुपए किसानो के खाते में डालकर अपना काम पूरा हुआ और किसानो के प्रश्न भी समाप्त हो गए, ऐसा सरकार को लगता है. लेकिन इस कारण किसानो के मूल प्रश्नो का निपटारा हल नहीं हो सकता.

* विदर्भ में सर्वाधिक आत्महत्या
नागपुर विभाग में वर्धा जिले में सर्वाधिक 29, चंद्रपुर जिले 17, नागपुर जिले में 7 और भंडारा जिले में एक किसान ने आत्महत्या की है. मराठवाडा में बीड जिले में सर्वाधिक 33 किसानो ने, नांदेड में 29, धाराशिव जिले में 27, जालना जिले में 21, लातुर जिले में 10, परभणी जिले 6 और हिंगोली जिले में 4 किसानो ने दो माह में आत्महत्या की है.

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