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176 जानवर अब भी बेलोरा विमानतल पर

परिसर में मोर, हिरण, जंगली सुअर, नीलगाय व रोही की मौजूदगी

* रेस्क्यू पर लाखों का हो चुका खर्च, एक भी जानवर नहीं आया पकड में
* विमानतल शुरु करने में जानवर सबसे बडी समस्या, हो सकता है हादसा
* 1500 एकड के विशालकाय क्षेत्रफल में फैला है विमानतल, सभी काम हो चुके पूरे
* जल्द ही विमानतल के उद्घाटन की संभावना, जानवरों को हटाना जरुरी
अमरावती/दि.26 – समिपस्थ बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल के 1500 एकड क्षेत्रफल वाले परिसर में विमानतल की मुख्य इमारत, एटीसी बिल्डिंग व रनवे के साथ ही टैक्सी वे व एप्रॉन वे सहित अन्य तमाम जरुरी काम पूरे हो चुके है. जिसके चलते अमरावती विमानतल अब पूरी तरह से बनकर तैयार है. जिसके चलते यहां से नियमित हवाई उडाने शुरु करने हेतु इस विमानतल के उद्घाटन की प्रतीक्षा की जा रही है. जिसमें सबसे बडी बाधा इस परिसर में अब भी खुलेआम घुम रहे जंगली जानवरों की है.
बता दें कि, बडनेरा से अकोला एवं यवतमाल की ओर जाने वाले मार्गों के बीचोबीच बेलोरा गांव के निकट अमरावती विमानतल हेतु 1500 एकड जमीन का अधिग्रहण किया गया है. चूंकि इस परिसर के साथ वन्य क्षेत्र बिल्कुल सटा हुआ है तथा विगत लंबे समय से बेलोरा विमानतल बनकर तैयार रहने के बावजूद यहां से विमानों की आवाजाही नहीं रहने के चलते इस परिसर में सांभर, चितल, हिरण, कालविट, रोही, नीलगाय, जंगली सुअर व मोर जैसे करीब 176 जानवरों की मौजूदगी है. जिन्हें इस परिसर से पकडकर किसी सुरक्षित स्थान पर लेजाकर छोडने हेतु रेस्क्यू ऑपरेशन के नाम पर अब तक महाराष्ट्र विमानतल विकास प्राधिकरण (एमएडीसी) द्वारा वनविभाग का सहयोग लेते हुए विगत दो माह के दौरान लाखों रुपए का खर्च किया जा चुका है. लेकिन इन दो माह के दौरान एक भी वन्य प्राणी वनविभाग के टीम के हाथ नहीं लगा. ऐसे में इस परिसर में घूम रहे वन्यप्राणियों को पकडने हेतु लगातार प्रयास जारी है.
बता दें कि, बेलोरा में अमरावती विमानतल की मुख्य इमारत व एटीसी बिल्डिंग को साकार करने के साथ ही 1875 मीटर लंबे व 45 मीटर चौडे रनवे का काम भी पूरा हो चुका है. ऐसे में अब इस विमानतल से नियमित हवाई उडाने शुरु होने को लेकर केंद्र की मंजूरी मिलने तथा इस विमानतल का विधिवत उद्घाटन होने की प्रतीक्षा की जा रही है. परंतु जब तक विमानतल परिसर में वन्य प्राणियों की मौजूदगी है, तब तक इस विमानतल से नियमित हवाई उडानों को शुरु करना खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि यदि हवाई जहाज से उडान भरते समय अथवा उतरते समय रनवे पर कोई वन्य प्राणी आ जाता है, तो इसकी वजह से किसी बडे हादसे के घटित होने की संभावना बन सकती है. इस बात के मद्देनजर उद्घाटन होने से पहले ही इस विमानतल के परिसर में विचरण करने वाले प्रत्येक वन्य प्राणि का यहां से रेस्क्यू किये जाने पर जोर दिया जा रहा है.

* डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने भी दिखाई गंभीरता
उल्लेखनीय है कि, आज अमरावती के दौरे पर आये राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल पर विशेष सरकारी विमान से उतरते ही विमानतल पर चल रहे कामकाज का जायजा लिया. इस समय परिसर के विचरण करने वाले जंगली जानवरों से संबंधित समस्या के बारे में जानकारी मिलते ही डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने इस बारे में वनविभाग के अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही और स्थानीय सर्किट हाउस पर पहुंचने के बाद डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने अमरावती प्रादेशिक वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर उनके साथ बाकायदा इस विषय को लेकर गंभीरतापूर्वक चर्चा की तथा उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये.

 

 

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