अमरावती /दि.30– जिले में बडे पैमाने पर ह्युमन इम्यूनौ डिफिसियंसी यानि एचआईवी संक्रमण की जांच की जा रही है. जिसके तहत अप्रैल से अक्तूबर माह तक 6 माह के दौरान 1 लाख 40 हजार 76 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई. जिसमें से 176 लोगों में एचआईवी का संक्रमण पाया गया. ऐसे एचआईवी संक्रमित मरीजों का तुरंत ही एआरटी उपचार शुरु करते हुए उनकी सीडी-4 जांच व वायरल लोड सहित अन्य आवश्यक स्वास्थ्य जांच भी की गई है. साथ ही उनके समुपदेशन व मार्गदर्शन हेतु विशेष सत्र भी आयोजित किये जा रहे है.
जानकारी के मुताबिक जारी आर्थिक वर्ष के दौरान अब तक 51 हजार 29 गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई है. जिसमें से 5 गर्भवती महिलाओं को एचआईवी का संक्रमण रहने की जानकारी सामने आयी है. इन महिलाओं की सभी आवश्यक जांच करते हुए उन्हें नियमित उपचार के साथ ही मार्गदर्शन व समुपदेशन की सुविधा प्रदान की जा रही है. साथ ही जिले में इस वर्ष 14 एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं की सरकारी व निजी अस्पतालों में सफलतापूर्वक प्रसूति भी कराई गई. जिनमें जिले सहित अन्य जिलों की गर्भवती महिलाओं का समावेश रहा. जिले में उपलब्ध 2 एआरटी केंद्रों में शुरु से लेकर अब तक 7 हजार 500 एचआईवी बाधित मरीजों की जानकारी दर्ज की गई है. जिसमें से 5 हजार मरीज नियमित उपचार सुविधा का लाभ ले रहे है. साथ ही जिले में अति जोखिम गुट हेतु विविध गैर सरकारी संस्थाएं भी कार्यरत है. जिसके तहत शहरी क्षेत्र में देहव्यवसाय करने वाली महिलाओं हेतु राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज शिक्षा व स्वास्थ्य प्रसारक मंडल संस्था (मोझरी) तथा ग्रामीण क्षेत्रों में देहविक्री करने वाली महिलाओं हेतु संत सत्यदेव बाबा महिला मंडल संस्था (मोझरी) द्वारा समुपदेशन व मार्गदर्शन की सुविधा प्रदान की जाती है. इसके अलावा एलजीबीटीक्यू घटक हेतु समर्पण ट्रस्ट, स्थलांतरीत कामगारों हेतु भाग्योदय बहुउद्देशीय संस्था, ट्रक चालक व वाहक जैसे व्यक्तियों हेतु शिवाजी शिक्षा संस्था गांव स्तर पर काम करने हेतु लिंक वर्कर कार्यक्रम अंतर्गत राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज शिक्षा व स्वास्थ्य प्रसारक मंडल संस्था तथा एचआईवी संक्रमितों के जीवनस्तर को उंचा उठाने हेतु विधान प्रकल्प अंतर्गत आधार बहुउद्देशीय संस्था द्वारा सभी जोखिम गुटों हेतु स्वास्थ्य जांच समुपदेशन व मार्गदर्शन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है.
* 1 से 8 दिसंबर के दौरान विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर ‘एड्स सप्ताह’ मनाया जाता है. जिसके तहत इस वर्ष ‘टेक द राइट पाथ’ यानि ‘अधिकार व सम्मान का मार्ग’ घोषवाक्य तय किया गया है. साथ ही महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण संस्था द्वारा दिये गये निर्देशानुसार पूरे जिले में विविध जनजागृति व स्वास्थ्य जांच कार्यक्रमों का आयोजन जिलाधीश, जिला एड्स प्रतिबंध व नियंत्रण कक्ष तथा विविध महाविद्यालयों व संस्थाओं के जरिए चलाया जाएगा.
– डॉ. अजय साखरे,
जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी.