अमरावती

178 पुलिस अधिकारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन

विज्ञापन में जारी ब्यौरा साबित हुआ महत्वपूर्ण

अमरावती/दि.12 – पुलिस उपनिरीक्षक पद की भर्ती में लिए जारी विज्ञापन में पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की बात दर्ज थी. ऐसे में केवल कट ऑफ की तारीख के बाद नियुक्ति होने की वजह को आगे करते हुए उन उपनिरीक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से वंचित नहीं रखा जा सकता और राज्य सरकार पुरानी पेंशन देने से अपनी कदम पीछे नहीं खींच सकते. ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधीकरण द्बारा दिया गया है. ‘मैट’ के इस फैसले का लाभ पुलिस उपनिरीक्षक के रुप में नियुक्त हुए 178 लोगों को होने वाला है.
बता दें कि, राज्य सरकार ने 31 अक्तूबर 2005 को एक अधिसूचना जारी करते हुए 1 नवंबर 2005 व इसके बाद सरकारी सेवा में नियुक्त होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए परिभाषित अंशदान निवृत्ति वेतन योजना यानि बीसीपीएस को लागू किया था. एमपीएससी के 1 नवंबर 2004 को जारी विज्ञापन के अनुसार महाराष्ट्र पुलिस दल मेें उपनिरीक्षक के तौर पर भर्ती हुए पुलिस अधिकारियों ने इस योजना का विरोध किया था. साथ ही मांग उठाई थी कि, महाराष्ट्र नागरी सेवा निवृत्ति वेतन नियम 1982 तथा महाराष्ट्र नागरी सेवा अंश राशिकरण नियम 1984 के अनुसार उन्हें निवृत्ति वेतन एवं सामान्य भविष्य निर्वाचन निधि (जीपीएफ) योजना का लाभ दिया जाए. इस संदर्भ में निवेदन देने के बाद भी राज्य सरकार द्बारा कोई प्रतिसाद नहीं दिए जाने के चलते प्रफुल्ल वाघ सहित 178 लोगों ने एड. सुरेख पाखले के मार्फत मैट में याचिका दायर की थी.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील स्वाती मनचेकर ने कहा कि, यद्यपि आवेदकों की चयन प्रक्रिया 1 नवंबर 2005 से पहले हुई थी. लेकिन उनकी नियुक्ति कट ऑफ की तारीख के बाद हुई है. ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं हुई. बल्कि वे डीसीपीएस योजना के लिए ही पात्र है. जिस पर याचिकाकर्ताओं के वकील एड. सुरेश पाखले ने युक्तिवाद किया कि, विज्ञापन में सामान्य भविष्य निर्वाह निधि व पुरानी पेंशन योजना के लाभ का उल्लेख था. जिसे देखकर ही आवेदकों द्बारा इस पद भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन किया गया था. ऐसे में भले ही नियुक्ति का आदेश कट ऑफ की तारीख के बाद जारी हुआ, लेकिन आवेदकों को पुरानी पेंशन योजना ही लागू होनी चाहिए. याचिकाकर्ताओं के इस युक्तिवाद को मैट ने ग्राह्य मानते हुए स्वीकार किया. साथ ही कहा कि, चूंकि पद भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में पुरानी पेंशन योजना व सामान्य भविष्य निर्वाह निधि योजना का उल्लेख किया गया है और उस आधार पर ही पद भर्ती की गई थी. ऐसे में याचिकाकर्ता इन दोनों लाभ को प्राप्त करने हेतु पात्र है और सरकार इस विषय को लेकर अपने कदम पीछे नहीं खींच सकते. ऐसे में मैट पहुंचने वाले 178 पुलिस उपनिरीक्षकों को अब पुरानी पेंशन मिलने का रास्ता खुल गया है.

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