अमरावती

अमरावती सहित 18 शहरों ने नहीं की हवा गुणवत्ता मानकों की पूर्तता

अकोला, नागपुर व चंद्रपुर का भी समावेश

एअर क्वॉलीटी लिडरशिप वर्कशॉप में जानकारी आयी सामने
अमरावती- दि.1 वर्ष 2011 से 2015 इन पांच वर्षों के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर अपने परिसर में हवा की गुणवत्ता के मानकों की लगातार पूर्तता नहीं करनेवाले शहरों को नॉन अटेनमेंट शहर कहा जाता है. जिनमें विदर्भ क्षेत्र के अमरावती, अकोला, नागपुर व चंद्रपुर सहित राज्य के मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, जालना, कोल्हापुर, लातूर, जलगांव, बदलापुर, सोलापुर, सांगली, नासिक व उल्हासनगर इन 18 शहरों का समावेश है.
विगत मंगलवार को असर नामक संस्था द्वारा नागपुर में मीडिया के लिए एअर क्वॉलीटी लिडरशिप वर्कशॉप का आयोजन किया गया था. जिसमें डॉ. सरोजकुमार साहू व डॉ. गुफरान बेग ने इस संदर्भ में जानकारी दी. इस समय बताया गया कि, नागपुर शहर में चंद्रपुर व अमरावती की तुलना में उत्सर्जन अधिक है. लेकिन इन दोनों शहरों के हिसाब से नागपुर शहर का क्षेत्रफल काफी अधिक है. नागपुर में पीएम-10 के उत्सर्जन का भार 105 डिगाग्राम प्रतिवर्ष अनुमानित है. वही यह चंद्रपुर में 78 डिगाग्राम व अमरावती में 53 डिगाग्राम प्रतिवर्ष होने का अनुमान है.
बता दें कि, नागपुर शहर में 213 बडे व मध्यम उद्योग है. साथ ही 4 हजार 856 मेगावैट क्षमतावाले कोयला आधारित उर्जा निर्मिती प्रकल्प है. अन्य दो शहरों की अपेक्षा नागपुर में जनसंख्या और वाहनों की भीडभाड काफी अधिक है. नागपुर में करीब 15 लाख पंजीकृत वाहन रास्ते पर दौडते है. वहीं कोयला आधारित औष्णिक विद्युत निर्मिती प्रकल्प भी पीएम-10 के उत्सर्जन हेतु अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा काफी अधिक कारणीभूत है. हवा में बहनेवाली रास्ते की धूल, इमारतों को गिरानें से निकलनेवाली धूल, महानगर में घनकचरा जलाने से उठनेवाले धुएं और निवासी क्षेत्र से निकलनेवाले धुल व धुएं की वजह से हवा में पार्टीक्युलेट मैटर का समावेश होता है. नागपुर शहर में 34 फीसद पीएम-10 का उत्सर्जन होने हेतु औष्णिक विद्युत निर्मिती प्रकल्प जिम्मेदार है.

* विद्युत निर्मिती प्रकल्प से चंद्रपुर में सर्वाधिक प्रदूषण
चंद्रपुर शहर में 178 पंजीकृत मध्यम व बडे उद्योग है. वहीं जिले में 4 हजार 780 मेगावैट क्षमतावाला औष्णिक विद्युत निर्मिती प्रकल्प है. पीएम-10 का सबसे बडा स्त्रोत यही प्रकल्प है. जिसकी वजह से 46 फीसद उत्सर्जन होता है. इसके पश्चात हवा में उडनेवाली रास्ते की धूल (21 फीसद) व निवासी क्षेत्र (11 फीसद) भी इसके लिए जिम्मेदार है. औद्योगिक व आवागमन क्षेत्र का पीएम-10 के उत्सर्जन में चौथे व पांचवे स्थान पर योगदान है. इसके अलावा फसल कटाई के बाद फसलों के अवशेष को जलाने की वजह से भी 3.5 फीसद पीएम-10 का उत्सर्जन होता है.

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