अमरावती/दि.2 – निर्माण अनुमतियां प्रदान करने के लिए महानगरपालिका में बीपीएमएस प्रणाली लागू की गई है. लेकिन अब तक इस प्रणाली को अपेक्षा अनुरुप प्रतिसाद नहीं मिला है. जब से नई बीपीएमएस प्रणाली लागू हुई. तब से लेकर अब तक केवल 17 अनुमतियां नये पोर्टल पर दर्ज हो पायी है. वहीं अब तक कार्यरत ऑटो डीसीआर प्रणाली के तहत मनपा को विगत वित्तीय वर्ष में 18 करोड रुपए की आय प्राप्त हुई है.
निर्माण नक्शों को अनुमति देने के लिए अब तक ऑटो डीसीआर प्रणाली कार्यरत थी. लेकिन इस प्रणाली में कई दिक्कतों का सामना करना पड रहा था. जिसके कारण ऑनलाइन प्रणाली कार्यरत रहते हुए भी मैन्यूअली काम करना पड रहा था. जिससे राज्य सरकार ने बीपीएमएस प्रणाली लागू की. यह प्रणाली पूर्ण रुप से ऑनलाइन है. आवेदक को पंजीयन कर मामले दाखिल करने पडते है. महानगरपालिका के लिए यह प्रणाली नई है. वहीं अब तक कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी पूर्ण नहीं हुआ है. जिससे इस प्रणाली को अपेक्षा अनुरुप प्रतिसाद नहीं मिल रहा है.
विगत वर्ष में कोरोना बंधिशों के चलते मर्यादित संख्या में निर्माण अनुमतियां दाखिल हुई थी. वर्ष 2020 से ही निर्माण अनुमतियों के मामले में कई आयी थी. लेकिन अब निर्माण अनुमतियों के आवेदन बढ रहे है. एडीटीपी विभाग ने विगत वित्तीय वर्ष में निर्माण अनुमतियों से 18 करोड रुपयों का विकास शुल्क जमा किया है. महाराष्ट्र प्रादेशिक व नगररचना अधिनियम 1966 की धारा 124 के प्रावधानों के तहत विकास शुल्क भरने के बाद निर्माण अनुमति प्रदान की जाती है. निर्माण का नक्शा मंजूर होने के 30 दिनों के भीतर विकास शुल्क भरना पडता है.