7500 निवृत्त कर्मचारियों का रापनि की ओर 182 करोड का बकाया
सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक लाभ हेतु करनी पड रही प्रतीक्षा
-
समूचे राज्य के सेवानिवृत्तों में रोष व संताप की लहर
अमरावती/प्रतिनिधि दि.६ – अपने जीवन के सुनहरे वर्षों को राज्य परिवहन निगम की सेवा में खपानेवाले रापनि कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी खुद को मिलनेवाले आर्थिक लाभ के लिए रापनि कार्यालय में चक्कर पर चक्कर लगाने पड रहे है. सेवानिवृत्ती के बाद अपने परिवार के साथ राजी-खुशी रहने और समय बिताने का सपना देखनेवाले सेवानिवृत्त रापनि कर्मियों के हिस्से में रिटायरमेंट के बाद आर्थिक लाभ मिलने की प्रतीक्षा ही आयी है. जानकारी के मुताबिक समूचे राज्य के 7 हजार 500 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के करीब 182 करोड रूपये रापनि की ओर बकाया है और इस बकाया राशि का एकमुश्त भूगतान करने की मांग सेवानिवृत्त रापनि कर्मचारियों द्वारा की जा रही है.
ज्ञात रहेें कि, कोरोना संक्रमण के वजह से उपजे हालात के चलते रापनि की आर्थिक स्थिति डावाडोल हो गई है और इस समय रापनि के पास अपने मौजूदा कर्मचारियों का वेतन देने के लिए भी रकम नहीं है. ऐसे में मौजूदा कर्मचारियों के साथ-साथ सेवानिवृत्त कर्मचारी भी आर्थिक दिक्कतों में फंस गये है. उल्लेखनीय है कि, अपने सेवाकाल के दौरान कई कर्मचारी यह सोचकर छुट्टियां नही लेते ताकि सेवानिवृत्ती के बाद कुछ अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त हो. रापनि में कर्मचारियों को 300 छुटिट्यों के पैसे देने का नियम है. ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद शेष बची छुट्टियों के पैसे रापनि कर्मियों को प्राप्त होते है. ऐसे में लगातार ड्यूटी करते हुए अपनी छुट्टियों को बाकी रखा जाता है. किंतु सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक लाभ मिलने के लिए रापनि कर्मियों को काफी लंबे इंतजार का सामना करना पडता है. साथ ही इस समय राज्य के 7 हजार 500 सेवानिवृत्त कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे है. इसमें भी वर्ष 2016 से 2020 में की कालावधि के लिए वर्ष 2019 में रापनि द्वारा एकतरफी करार किया गया. इस करार में कर्मचारियों हेतु तय किये गये वेतनवृध्दि के पैसे भी अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्राप्त नहीं हुए है. वहीं दूसरी ओर सेवानिवृत्ति पश्चात कई कर्मचारियो की मौत भी हो गई है. वहीं शेष सेवानिवृत्त कर्मचारी आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे है.