अमरावतीविदर्भ

१९ लोगों को लगा डेंग्यू का ‘डंक‘

(dengue) धरे रह गये उपाययोजनाओं के दावे

शहर में साफ-सफाई का हर ओर अभाव

प्रतिनिधि/दि.२०

अमरावती – स्थानीय मनपा क्षेत्र में साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर किये जानेवाले हवा-हवाई दावों की असलियत अब उजागर होने लगी है और चहुंओर गंदगी व कचरे के ढेर लगे रहने की वजह से शहरी क्षेत्र में डेंग्यू सहित विषाणुजन्य बीमारियों का प्रमाण बढने लगा है. इस समय जहां एक ओर कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों के तहत समूचे शहर में साफ-सफाई व सैनिटाईजेशन किये जाने के दावे किये जा रहे है. वहीं इन दावों के बावजूद शहर में १९ लोग डेंग्यू से संक्रमित हो चुके है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर हवा-हवाई दावे करते हुए प्रशासन द्वारा सीधे-सीधे लोगोें की जान के साथ खिलवाड किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि, मनपा प्रशासन की ओर से कोरोना काल के दौरान मान्सून पूर्व काम करने का दावा करते हुए कहा गया कि, शहर की सभी नालियों व नालों की साफ-सफाई को पूरा कर लिया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि, शहर की सभी नालियां व नाले अब भी कचरे से भरे पडे है. साथ ही शहर के सभी चौक-चौराहों व सडकों के किनारे कचरे के ढेर लगे दिखाई देते है. इसके अलावा विगत कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से शहर में जगह-जगह पर बारिश का पानी भी जमा है. ऐसे में हर ओर गंदगी व बदबू का माहौल है. जिससे कई संक्रामक बीमारियों को फैलानेवाले किडे-मकोडे व मच्छरों का प्रादुर्भाव हो रहा है. साथ ही जगह-जगह पर गड्ढों में बारिश का पानी जमा रहने की वजह से डेंग्यू के मच्छरों की पैदावार हो रही है. लेकिन मनपा प्रशासन द्वारा ऐसे स्थानों पर डेंग्यू के मच्छरों की पैदावार रोकने के लिए एमएलओ ऑईल नहीं डाला जा रहा. यहीं वजह है कि, मनपा क्षेत्र में अब तक डेंग्यू के १९ मरीज पाये जा चुके है.

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जारी सप्ताह में ही युवक कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा शहर में व्याप्त गंदगी के खिलाफ मनपा कार्यालय में जबर्दस्त आंदोलन भी किये गये, लेकिन इसके बावजूद मनपा प्रशासन अब तक इस विषय को लेकर क्रियाशिल नहीं हुआ है. डेंग्यू मच्छरों की पैदावार रोकने हेतु किये जानेवाले तमाम कार्य फिलहाल कागज पर है और स्वच्छता ठेकेदारों की इस समय जमकर बल्ले-बल्ले है. क्योंकि स्वच्छता के नाम पर प्रतिमाह करोडों रूपयों के बिल जारी होते है, जबकि शहर में कहीं पर भी साफसफाई व स्वच्छता के काम ही नहीं हो रहे. किसी भी वॉर्ड में मच्छरों की पैदावार को रोकने हेतु नियमित रूप से फॉगींग या किटनाशक दवाईयों का छिडकाव नहीं होता और प्रशासन द्वारा भी किसी से कोई सवाल नहीं पूछा जाता.

साफसफाई पर प्रतिमाह २ करोड का खर्च

मनपा क्षेत्र के २२ प्रभागों तथा बाजार परिसर में रोजाना साफसफाई करने हेतु ठेकेदार की नियुक्ती की गई है और हर एक ठेकेदार को प्रतिमाह ७ से ९ लाख रूपयों तक के बिल अदा किये जाते है. यानी केवल साफसफाई के लिए ही प्रतिमाह २ करोड रूपयों का खर्च मनपा द्वारा किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद एक भी प्रभाग में रोजाना साफ-सफाई का काम नहीं किया जाता. वहीं हरीत लवाद की फटकार के बावजूद भी गिले व सूखे कचरे को एकत्रित ही संकलित किया जाता है. साथ ही साथ कई प्रभागों में पर्याप्त संख्या में सफाई कामगार नहीं है. साथ ही कई प्रभागों में नियमित फवारणी व धुवारणी का काम भी नहीं हो रहा, लेकिन इस पर मनपा प्रशासन व मनपा पदाधिकारी चुप्पी साधे बैठे है. जिसकी वजह से शहर में साफ-सफाई व्यवस्था की ‘ऐसी-तैसी‘ हो गयी है.

क्या आयुक्त करेंगे कार्रवाई

ज्ञात रहे कि, विगत ११ अगस्त को निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने चेतावनी दी थी कि, जिस प्रभाग में डेंग्यू का मरीज मिलेगा, उस प्रभाग के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जायेगी. लेकिन इसके बावजूद कई प्रभागों में डेंग्यू के मरीज पाये गये है. ऐसे में अब स्थानीय नागरिकोें द्वारा पूछा जा रहा है कि, उन प्रभागों के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर निगमायुक्त प्रशांत रोडे कब कार्रवाई करेंगे. उल्लेखनीय है कि, स्वास्थ्य व स्वच्छता संबंधी कामों की समीक्षा मनपा आयुक्त द्वारा किये जाने के बाद सभी उपाययोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का काम अधिनस्थ यंत्रणा का होता है, लेकिन इस काम में मनपा प्रशासन कुछ हद तक कम साबित हो रहा है.

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