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दीक्षाभूमि विकास हेतु 190 करोड

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया

* तीन सप्ताह में दें हलफनामा
नागपुर/दि.9- दीक्षाभूमि विकास हेतु तैयार 190 करोड के प्रारूप अहवाल को प्रशासकीय मान्यता देने की जानकारी राज्य सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ को दी. जिस पर खंडपीठ ने अगले तीन सप्ताह में प्रतिज्ञा पत्र प्रस्तुत करने के हुक्म सरकार को दिए है. इस मामले मेें एड शैलेश नारनवरे ने जनहित याचिका दायर कर रखी है. न्या. सुनील शुकरे और न्या. वृषाली जोशी की खंडपीठ के सामने सुनवाई हो रही है.
सरकार की तरफ से एड. ने खंडपीठ को बताया कि दीक्षाभूमि का दो चरणों में विकास होना है. पहले चरण में 100.47 करोड रूपए के कार्य किए जायेंगे. जिसमें से 40 करोड रूपए आवंटित कर दिए गए है. दूसरे चरण के कामों हेतु नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण ने गत 3 मार्च 2022 को सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग को 190.11 करोड रूपए के विस्तृत प्रकल्प अहवाल प्रशासकीय मान्यता के लिए प्रस्तुत किया. जनवरी माह तक इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं हुआ था. जिससे कोर्ट ने शासन को फटकार लगाई थी. सरकार ने उच्चाधिकार समिति की आपात बैठक लेकर प्रस्ताव को स्वीकृति दी.
याचिकाकर्ता ने दीक्षाभूमि में देश-विदेश से लाखों अनुयायी आने से उन्हें अनेक प्रकार की दिक्कतों का सामना करने की तरफ कोर्ट का ध्यान खींचा था. ऐसे ही भगदड या अकस्मात घटना टालने उचित कदम उठाने की अपेक्षा व्यक्त की थी.

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