* जिले के चिखलदरा और चुर्णी के जांच केंद्र पहले ही हो चुके हैं बंद
अमरावती/दि.28- कीट की कमी, अधूरे साधन व रिक्त पदों का भार उठाते हुए एड्स रोकने के लिए काम करने वाली इंटीग्रेटेड कॉउंसिल एण्ड टेस्टिंग (आईटीसीटी) सेंटर के कर्मचारियों को प्रतिदिन औसतन 25 से 30 एचआईवी जांच करने के निर्देश राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सोसायटी ने दिए है. वर्ष 2030 तक एचआईवी पर पूरी तरह रोक लगाने और नष्ट करने के नियम के मुताबिक राज्य के करिबन 191 जांच व समुपदेशन केंद्र बंद करने की भी साजिश की जा रही है. इसके तहत वर्ष 2018-19 में तत्कालीन प्रकल्प संचालक ने अमरावती जिले के चिखलदरा और चुर्णी के जांच व समुपदेशन केंद्र को बंद कर दिया है. केंद्र शासन के इस निर्णय के कारण वर्ष 2022 से जान खतरे में डालकर काम करनेवाले कर्मचारियों की नौकरी पर मुसिबत आने वाली है.
देश में 1990 से एचआईवी संसर्ग की शुरुआत हुई. इस बीमारी ने समाज में दशहत का वातावरण निर्माण किया. इस दहशत के कारण कुष्ठ रोगियों के बाद एचआईवी बाधितों को दूर रखा जाने लगा. इस पृष्ठभूमि पर समाज से एचआईवी का डर, संसर्ग दूर करने के लिए प्रबोधन, उपचार और समुपदेशन करने का काम एआरटी (एंट्री रिट्रोवायरल थैरेपी) तथा 648 इंटीग्रेटेड कॉउंसिल एण्ड टेस्टिंग सेंटर (आईटीसीपी) में 2800 अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत थे. लेकिन वर्ष 2019 में 72 तथा मार्च 2023 में 21 आईटीसीटी केंद्र बंद किए गए. इन केंद्रों के कर्मचारियों को जहां रिक्त पद थे वहां भेजा गया. इस केंद्र में काम करनेवाले ठेका तंत्रज्ञ व समुपदेशकों को प्रत्येकी 31 हजार रुपए वेतन दिया जाता है. अन्य जिलों में तबादला किए कर्मचारियों को इस वेतन में परिवार का खर्च कैसे चलाना यह प्रश्न सताता है. आईसीटीसी केंद्र में एचआईवी समेत बालिक युवक, परिवार नियोजन, हेपॅटाइटिस, गुप्त रोग आदि काम भी इन्हीं कर्मचारियों को करना पडता है. राज्य के अन्य कर्मचारियों के मुताबिक कोविड-19 का भत्ता भी इन कर्मचारियों को नहीं मिला. समुपदेशन, जांच, प्रशासकीय आदि विभाग का अनुभव रहे इन कर्मचारियों को शासन व्दारा सेवा में समावेश कर मरीजों के कल्याण के लिए सर्वसमावेशक काम दिया तो शासन को इसका लाभ होगा.
* अमरावती में है 15 जांच व समुपदेशन केंद्र
सूत्रों के मुताबिक अमरावती जिले में एड्स जांच व समुपदेशन केंद्रों की संख्या 15 है. इसमें अमरावती शहर में 4 और चिखलदरा व भातकुली तहसील को छोडकर 11 तहसीलों में यह केंद्र है. पहले चिखलदरा व चुर्णी में भी यह केंद्र थे. लेकिन तत्कालीन प्रकल्प संचालक के कार्यकाल में इन केंद्रों पर काम कम रहने का कारण बताकर उसे बंद कर दिया गया.
* कर्मचारी कर रहे हैं मानधन पर काम
एड्स जांच व समुपदेशन केंद्र पर काम करनेवाले कर्मचारी 20-22 वर्षो से मानधन पर ही काम कर रहे हैं. ऐसे में राज्य के 191 जांच व समुपदेशन केंद्र बंद करने का निर्णय लिए जाने से यहां मानधन पर कार्यरत कर्मचारी परेशान हो गए हैं. जितना महत्व एड्स की जांच को है उतना ही समुपदेशन व जनजागरण को भी इसका महत्व है. यह संपूर्ण काम मानधन पर कार्यरत कर्मचारी करते हैं. जिले में वर्तमान में जो 15 केंद्र है. उनमें से एक केंद्र पर चार कर्मचारी, चार केंद्र पर तीन कर्मचारी और अन्य केंद्रों पर प्रत्येकी दो कर्मचारी कार्यरत है.