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जिले में 5 साल दौरान बढे 2.30 लाख वाहन

शहर सहित तहसील क्षेत्रों में लगातार बढ रही वाहन संख्या

अमरावती /दि.22- विगत 5 वर्षों के दौरान अमरावती शहर सहित जिले में 2 लाख 30 हजार नये वाहनों का आरटीओ में पंजीयन हुआ है. जिसके चलते वर्ष 2018 में रहने वाली 7 लाख 3 हजार 464 की वाहन संख्या जारी वर्ष के जून माह तक बढकर 9 लाख 33 हजार 962 पर जा पहुंची है. उल्लेखनीय है कि, इन दिनों दुपहिया व चारपहिया वाहनों को प्रत्येक परिवार तथा परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए बेहद जरुरी माना जाता है और हर घर में एक से अधिक दुपहिया व चारपहिया वाहन दिखाई देने लगे है. जिसके चलते सडकों पर अब वाहनों की अच्छी खासी भीडभाड दिखाई देती है और कई बार तो वाहनों की भीडभाड को देखते हुए विस्तारित व चौडी सडके भी छोटी पडने लगती है.
सहज-सरल व सुलभ आवागमन के लिए विगत कुछ वर्षों से दुपहिया व चारपहिया वाहनों का प्रयोग बडे पैमाने पर होने लगा है. वर्ष 2018 में अमरावती जिले में दुपहिया व चारपहिया वाहनों की संख्या 6 लाख 59 हजार 355 तथा व्यावसायिक वाहनों की संख्या 44 हजार 109 के आसपास थी. वर्ष 2020 से 2022 के दौरान कोविड व लॉकडाउन की वजह से नये वाहनों की खरीदी और पंजीयन का काम काफी हद तक सुस्त रहा. लेकिन कोविड का दौर बितते ही वाहन की खरीदी मेें बडे पैमाने पर वृद्धि हुई. जिसके चलते जून 2023 के अंत तक अमरावती जिले में कुल 9 लाख 33 हजार 962 वाहन पंजीकृत रहने की जानकारी सामने आयी है. जिसमें से मोटर साइकिल, स्कूटर व मोपेड की संख्या भी 7 लाख 61 हजार 499 है. जिसका सीधा मतलब है कि, इन दिनों जिले में दुपहिया वाहनों का प्रयोग बडे पैमाने पर बढ गया है.
* 5 वर्ष में किन वाहनों की कितनी संख्या बढी?
दुपहिया – 1,77,975
कार/जीप – 22,678
ऑटो रिक्षा – 4,265
मिनी बस – 96
स्कूल बस – 140
ट्रक/लॉरी – 2,717
चारपहिया – 3,978
ट्रैक्टर – 7,578
ट्रॉली – 1,535
एम्बुलेंस – 103
ई-रिक्षा – 83
लक्झरी बस – 61
टैक्सी – 61
अन्य वाहन – 748
ई-बाईक – 7344
ई-कार – 101
* विगत 5 वर्ष के दौरान शहर सहित जिले में वाहनों की संख्या को लेकर अच्छी खासी वृद्धि हुई है. जिसकी वजह से सडकों पर वाहनों की बेतहाशा भीड दिखाई देती है. ऐसे समय वाहन धारकों ने वाहन चलाते समय यातायात नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. साथ ही हमेशा हेल्मेट पहनकर वाहन चलाते हुए अपने वाहन की रफ्तार पर नियंत्रण रखना चाहिए. इसके अलावा अभिभावकों ने अपने कम उम्र वाले बच्चों के हाथ में वाहन नहीं देना चाहिए.
– राजाभाउ गीते,
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी

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