2 करोड 22 लाख रुपए का घोटाला
नागपुर/दि.2 – विश्वकर्मा ग्रामीण बिगर शेती सह पतसंस्था में करोडों का घोटाला सामने आया है. अपराध शाखा के आर्थिक विभाग की तीन टीमों ने विविध स्थानों पर छापामार कार्रवाई कर संस्था अध्यक्ष समेत तीन पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया. शनिवार को अवकाशकालीन अदालत में पेश कर उन्हें पीसीआर में लिया.
आरोपियों में अध्यक्ष पुरुषोत्तम बेले (49) सर्वश्री नगर, उपाध्यक्ष नरेश दांडेकर (47) अयोध्या नगर, प्रबंधक दिगांबर येवले, लेखापाल सुवर्णा प्रमोद कोकडे आदि शामिल है. आरोपियों ने बरसों पहले विश्वकर्मा ग्रामीण बिगर शेती सह पतसंस्था मर्यादित, खरबी संचालित की. संस्था संचालकों के लुभावने झांसे में आकर बहुत ही कम समय में बडी संख्या में निवेशक संस्था से जुडे तय योजना के तहत निवेशकों को पहले संस्था का सदस्य बनाया गया. बाद में विविध योजनाओं के नाम से उनसे रुपए लिए गए, लेकिन अवधि पूरा होने पर भी जब निवेशकों को उनकी रकम वापस नहीं मिली, तो उन्होंने जमकर हंगामा किया.
इस बीच संस्था का आडिट हुआ, जिसमें नियमों को ताक पर रखकर संस्था संचालक और पदाधिकारियों द्बारा 2 करोड 22 लाख रुपए का घोटाला करने की बात उजागर हुई. इसके बाद मामला थाने में संस्था संचालक मंडल और कुछ अधिकारियों के खिलाफ विविध धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया. घोटाला करोडों रुपए से जुडा होने के कारण 15 जनवरी 2021 को इसकी जांच अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को सौंपी गई. इसके लिए आर्थिक विभाग ने तीन टीमें तैयार की. संस्था के कुछ महत्वपूर्ण रिकार्ड जब्त किए गए. आरोपियों को गिरफ्तार करने विविध स्थानों पर छापामारी की गई, तो संस्था अध्यक्ष पुरुषोत्तम बेले, उपाध्यक्ष नरेश दांडेकर और वासुदेव हिरुडकर पुलिस के हाथ लगे. शनिवार को अवकाशकालीन अदालत में पेश कर तीनों आरोपियों को 4 फरवरी तक पीसीआर में लिया गया. अपर आयुक्त सुनील फुलारी, उपायुक्त विवेक मसाल के मार्गदर्शन में सहायक निरीक्षक शरयु देशमुख, पुनित कुलट, दीपक कुंभारे, गजानन मोरे, रमेश चिखले, नामदेव कटरे, सुरेश वानखेडे, विजय त्रिवेदी, सुनील मडावी, प्रशांत किंदर्ले, भारती माडे और सीमा सोनटक्के ने कारवाई की.
करीबी लोगों को दिया कर्ज, संस्था डूबने के पीछे संस्था के पदाधिकारी और अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है. आरोप है कि, संचालकों ने अपने पद का दुरुपयोग कर करीबी लोगों को कर्ज दिया है, लेकिन वसूली नहीं की.