हेडगेवार हॉस्पिटल में महिला के पेट से निकाला 2 किलो का गोला
कुशल डॉक्टरों की टीम ने इस जटिल शल्यक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की
* गरीब महिला के सहयोग के लिए अनेकों ने हाथ बढाया
अमरावती/दि.07– स्थानीय डॉ. हेडगेवार हॉस्पिटल में लगभग ढाई घंटे की जटिल व सफल शल्यक्रिया करके एक महिला मरीज के पेट से लगभग 2 किलो (26 24 10) का फायब्रोइड निकालकर मरीज कविता चंद्रकांत शेंडे को वेदनामुक्त किया गया. अस्पताल की स्त्रीरोग व प्रसूति विशेषज्ञ डॉ.रानी निंबालकर के नेतृत्व में डॉ.पल्लवी शेटे व शहर की प्रसिध्द स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्पा जुनघरे ने इस जटिल शल्यक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इस गरीब महिला मरीज के लिए पवन खाबिया, मित्र चेतन कोटेचा, राजू वाईकर ने हॉस्पिटल के साथ इस शल्यक्रिया के लिए सहायता का हाथ बढाया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनेेक वर्षो से कविता को मासिक धर्म की तकलीफ थी , किंतु कविता व उनके पति की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण व कविता का उपचार नहीं करवा पा रहे थे. इसके अलावा कविता को 2 छोटे बच्चे भी थे. आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं होने के कारण कविता अपना इलाज नहीं करवा पा रही थी और तकलीफ सहन कर रही थी. किंतु बीते दिनों उसकी तकलीफ काफी बढ गई वह कमजोर हो गई. रक्त की कमी हो गई. पश्चात उन्हें 4 बोतल रक्त दिया गया. अब गर्भाशय में फायब्रोइड की तकलीफ, पेटदर्द, रक्तस्त्राव के कारण कविता को एनिमिया हो गया था तथा उनका बीपी भी लो हो गया. ऐसी क्रिटिकल कंडिशन होने के बाद कविता का ऑपरेशन करवाना अत्यावश्यक था.
कविता के पति चंद्रकांत शेंडे ने कविता की तबियत के बारे में उनके वरिष्ठ मित्र राजू वाईकर को बताया. राजूभाउ ने शेंंडे परिवार को दिलासा देते हुए कविता शेंडे को हेडगेवार हॉस्पिटल अमरावती में लाया गया. हॉस्पिटल की स्त्रीरोग तज्ञ विशेषज्ञ व प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. रानी निंबालकर ने शल्यक्रिया के लिए पहल की. तब अस्पताल के विश्वस्तों ने उपचार में सहूलियत देने का निर्णय लिया. पश्चात डॉ. निंबालकर ने मरीज की आवश्यक सभी जांच की. कविता को रक्त दिया गया. उसके बाद डॉ. निंबालकर, डॉ. पल्लवी शेटे, डॉ. पुष्पा जुनघरे ने यह जटिल शल्यक्रिया सफलतापूर्वक कर कविता के पेट से लगभग (26 24 10 सेमी) का फायब्रोइड निकालकर कविता को वेदनामुक्त किया. इस शल्यक्रिया के लिए हॉस्पिटल के संचालक , सर्जन डॉ.यशोधन बोधणकर व एनेस्थेटिंस्ट डॉ. कपिल अग्रवाल का बहुमूल्य सहयोग मिला.साथ ही सहायक डॉ. पल्लवी राठोड, वैष्णवी ठेंगे, भाग्यश्री कांबले, कविता मेंढे, अमर सांभारे, देवेंद्र लांजेवार का भी सहयोग मिला. अस्पताल की जानकारी के अनुसार मरीज अब खतरे के बाहर है. अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ मरीज की विशेष देखभाल कर रहे हैं. मरीज महिला कविता तथा उनके परिजनों ने कम खर्च व सफलतापूर्वक शल्यक्रिया करने के बदले अस्पताल सहित सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया हैं.