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48 वर्षीय महिला के गर्भाशय से निकाला 2 किलो का फाइब्रॉएड

डॉ. राजेंद्र गोडे वैद्यकीय महाविद्यालय ने की सफल शस्त्रक्रिया

अमरावती/ दि. 17- डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के प्रसूति व स्त्रीरोग विभाग ने एक 48 वर्षीय महिला पर शस्त्रक्रिया कर उसके गर्भाशय से दो किलो वजन का फाइब्रॉएड सफल रूप से निकाल लिया. इस शस्त्रक्रिया के कारण संबंधित महिला को जीवनदान मिला है.
पिछले तीन साल से 48 वर्षीय महिला के पेट में दर्द था. नियमित स्केन में दिखाई दिया कि मरीज को 30 सप्ताह के ग्रेविड गर्भाशय का फाइब्रॉएड हैं. इसके पूर्व उसके तीन सिजेरियन शस्त्रक्रिया हुई थी. गर्भाशय का फाइब्रॉएड यह एक सामान्य गैर- कैंसर ट्यूमर हैं. जो सामान्यत: 15 से 45 वर्ष के प्रजनन आयुवर्ग की महिलाओं में पाया जाता हैं. इसका प्रसार 20 से 40 प्रतिशत अधिक हैं. कोई लक्षण न रहनेवाला रहता है और अधिकांश समय क्लीनिकल जांच अथवा सोनोग्राफी में योगायोग दिखाई देता है. जब लक्षण पाए जाते है तब वह अधिक मासिक धर्म में रक्तस्त्राव, पेट में दर्द, अतडियों से संबंधी बिगडे कार्य दर्शाता है. गर्भाशय में इतना बडा फाइब्रॉएड होने की घटना दुर्लभ है. महिला के पेट में फाइब्रॉएड और गर्भाशय का आकार देखते हुए डॉक्टरों ने शस्त्रक्रिया कर उसे निकालने का निर्णय लिया. दो किलो फाइब्रॉएड के साथ ही महिला गर्भाशय निकालकर प्रक्रिया पूर्ण की गई. दो घंटे चली यह जटिल शस्त्रक्रिया डॉ. लक्ष्मी डेहनकर ने की. इस शस्त्रक्रिया में डॉ. स्नेहा जावलकर, डॉ. देविका भिवगडे, डॉ. अलका कुथे, डॉ. नितिन अलसपुरकर ने सहयोग किया. डॉ. राजेंद्र गोडे वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल के अध्यक्ष योगेंद्र गोडे,सचिव तनवी गोडे, सीईओ डॉ. योगेश गोडे, डीन डॉ. नारायण उमाले और वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. नीरज मुरके के मार्गदर्शन में यह शस्त्रक्रिया की गई.

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