गर्भाशय से निकाला 2 किलो का फायब्राइड
गोडे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सफल शल्यक्रिया
अमरावती/दि.9– स्थानीय डॉ. राजेंद्र गोडे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसूति एवं महिला रोग विभाग ने एक 48 वर्षीय महिला की सफल शस्त्रक्रिया कर गर्भाशय से 2 किलो वजनी फायब्राइड निकाला. इस ऑपरेशन से महिला को नया जीवन मिला है. डॉ. लक्ष्मी डेहनकर ने यह शल्यक्रिया की. उन्हें डॉ. स्नेहा जावलकर, डॉ. देविका भिवगडे, डॉ. अलका कुथे, डॉ. नितिन अलसपुरकर ने सहकार्य किया.
* 3 वर्षों से पेट दर्द
महिला गत 3 वर्षों से पेट दर्द से परेशान थी. उसके स्कैन में दिखाई दिया कि, 30 सप्ताह का गैव्हिड फाइब्राइड है. उसकी 3 सीजेरियन हो चुकी थी. गर्भाशय का फायब्राइड एक सामान्य गैर कैंसर ट्यूमर है, जो 15 से 45 वर्ष की प्रजनन आयु सीमा की महिलाओं में हो सकता है.
* नहीं दिखते लक्षण
डॉक्टर्स ने बताया कि, यह ट्यूमर 20 से 40 प्रतिशत तक हो सकता है. उसके लक्षण भी जल्दी दिखाई नहीं देते. कई बार मेडिकल जांच अथवा सोनोग्राफी में संयोग से दिखाई पडता है. इसके लक्षण ऐसे कहे जा सकते है कि, मासिक धर्म में अधिक रक्तस्त्राव, पेट में दर्द, आंतडियों का बिगडा कार्य. तथापि गर्भाशय जितना ही बडा फायब्राइड होने की घटना दुर्मिल है. डॉक्टर्स ने महिला के पेट में गर्भाशय जितना फायब्राइड देखने के बाद ऑपरेशन का निर्णय लिया. महिला की हिस्टेरेक्टोमी प्रक्रिया भी पूर्ण की गई. 2 घंटे चले ऑपरेशन के सफल रहने से डॉक्टर्स के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी. डॉ. राजेंद्र गोडे कॉलेज व अस्पताल के अध्यक्ष योगेंद्र गोडे, सचिव तन्वी गोडे, सीईएा डॉ. योगेश गोडे, अधिष्ठाता डॉ. नारायण उमाले और मेडिकल अधीक्षक डॉ. नीरज मुरके के मार्गदर्शन में यह सफल ऑपरेशन हुआ.