चांदूर बाजार व अचलपुर तहसील में लगाये जायेंगे 2 लाख बांबू
राज्यमंत्री बच्चु कडू की संकल्पना से हरित पट्टा होगा साकार
* किसानों की आय बढाने में होगा सहायक
अमरावती/दि.2– अचलपुर व चांदूर बाजार तहसील में मनरेगा के जरिये खेतों की मेढ, रास्तों के किनारे तथा खुली जगहों पर 2 लाख बांबू लगाने का नियोजन किया गया है. जिसके चलते जगह-जगह पर बांबू क्षेत्र विकसित होकर इस परिसर में हरित पट्टा तैयार होगा. इस आशय की जानकारी देते हुए राज्य के जलसंपदा, शालेय शिक्षा व कामगार राज्यमंंत्री बच्चु कडू ने बताया कि, आगामी 6 जून को शिवराज्याभिषेक के उपलक्ष्य में इस अभियान का शुभारंभ होगा. जिसके लिए सभी विभागों ने आपसी समन्वय रखते हुए इस योजना को आगे बढाना चाहिए.
गत रोज राज्यमंत्री बच्चु कडू की अध्यक्षता में स्थानीय सरकारी विश्रामगृह में इस योजना को लेकर एक बैठक बुलायी गई थी. जिसमें विधायक राजकुमार पटेल, रोगायो उपजिलाधिकारी राम लंके, उपविभागीय अधिकारी संदीपकुमार अपार, अचलपुर के तहसीलदार मदन जाधव, चांदूर बाजार के तहसीलदार धीरज थूल, जिला जलसंधारण अधिकारी दिलीप निपाने, भूमि अभिलेख उपअधीक्षक देविदास परतेकी तथा जिला परिषद की सार्वजनिक निर्माण अभियंता नीला वंजारी आदि उपस्थित थे. इस बैठक में राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा बताया गया कि, चांदूर बाजार व अचलपुर इन दोनों तहसीलोें में 2 लाख बांबू लगाने की योजना तैयार की गई है तथा राजस्व, कृषि, रोगायो, जलसंधारण, सामाजिक वनीकरण, सार्वजनिक लोकनिर्माण, शालेय शिक्षा, ग्राम विकास तथा स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के समन्वय से इस योजना पर अमल किया जायेगा.
राज्यमंत्री बच्चु कडू के मुताबिक बांबू का औद्योगिक मूल्य काफी अधिक है. अत: बांबू उत्पादन से किसानों की आय भी बढेगी. ऐसे में ई-वर्ग जमीन, रास्ते व नदी-नालों के किनारे और शाला, श्मशान भूमि व सरकारी इमारतों के आसपास बांबू की उत्कृष्ट प्रजातियों का रोपन किया जाये. साथ ही बांबू को स्वागत वृक्ष के तौर पर पुरस्कृत किया जाये. ग्राम पंचायतों एवं किसानों की आय में वृध्दि होने हेतु हर स्तर पर प्रयास किये जाने चाहिए. साथ ही शहरी क्षेत्र में इस योजना को चलाने हेतु बांबू मिशन व सीएसआर फंड का प्रयोग किया जाना चाहिए.
* बांबू लगाने से मिलती है प्राकृतिक सुरक्षा बाढ
इस बैठक में राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, खेतों व रास्तों के किनारे अथवा शाला व सरकारी इमारतों के आसपास बांबू वन लगाये जाने के चलते अपने आप एक प्राकृतिक सुरक्षा दीवार तैयार हो जाती है. साथ ही बांबू वृक्ष की पूरी वृध्दि हो जाने के बाद उसकी कटाई पश्चात उससे विभिन्न जीवनोपयोगी वस्तुओं की निर्मिती होती है. जिससे अच्छी-खासी आय होती है. इस बात के मद्देनजर बांबू का औद्योगिक व व्यवसायिक महत्व भी है. अत: बांबू का उत्पादन बढाया जाना चाहिए. शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगाये जानेवाले बांबू के वृक्षों को पानी देने हेतु टैंकर की व्यवस्था भी की जायेगी और बांबू वृक्षों की वृध्दि होने के बाद समूचे क्षेत्र में आल्हादीत करनेवाला हरीत पट्टा तैयार हो जायेगा. जिससे आगे चलकर आय व रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
* पुर्नवसितों की समस्याओं का जल्द करे निराकरण
इसके साथ ही जिलाधीश कार्यालय में विभिन्न विषयों को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने मांगिया गांव के पुर्नवसितोें की समस्या का तत्काल समाधान करने का निर्देश भी दिया. राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, मांगिया गांव के पुनर्वसित नागरिकों को अब भी प्रकल्पग्रस्त प्रमाणपत्र व जाति प्रमाणपत्र नहीं दिये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही है. ऐसे में प्रशासन ने एक अभियान चलाकर नागरिकों को प्रमाणपत्रों का वितरण करना चाहिए. यदि 1950 से पहले के प्रमाणपत्र नहीं मिलते है, तो अधिनियम के प्रावधानानुसार संबंधित स्थान का प्रत्यक्ष मुआयना करते हुए प्रमाणपत्र दिये जाये. साथ ही पुनर्वसित गांव में सडक, जलापूर्ति जैसी समस्याओं को दूर करने को पहली प्राथमिकता दी जाये और ठक्कर बाप्पा, मनरेगा व विधायक विकास निधी से विकास कामोें को पूर्ण किया जाये. इस बैठक के दौरान राज्यमंत्री बच्चु कडू ने पीली पुनर्वसन (मोचखेडा) के कामों की समीक्षा करने के साथ ही सिरजगांव कसबा के नागरिकों की शिकायतों पर भी विचार-विमर्श करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये. साथ ही अचलपुर नगर परिषद में अनुकंपाधारकों को सेवा में शामिल करने की कार्रवाई को गतिमान करने हेतु कहा.