अमरावतीविदर्भ

विदर्भ से पवार को भेजे गये २ लाख ‘रामनामी‘ पत्र

भाजयुमो ने संभाली पत्र आंदोलन की कमान

प्रतिनिधि/दि.२५

अमरावती-विगत दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस के सुप्रीमो शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर को लेकर एक बयान दिया था. जिसका कडा विरोध करते हुए भाजपा द्वारा राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को समूचे राज्य से ‘जय श्रीराम‘ लिखकर १० लाख पोस्टकार्ड भेजने की घोषणा की गई थी. इसके तहत अकेले विदर्भ क्षेत्र से ही राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को अब तक करीब २ लाख ‘रामनामी‘ पत्र भेजे जा चुके है, ऐसी जानकारी है. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए भाजयुमो के प्रदेश सचिव व विदर्भ विभाग संयोजक बादल कुलकर्णी ने बताया कि, संगठन के प्रदेशाध्यक्ष विक्रांत पाटिल की अगुआई में शुरू किये गये इस पत्र आंदोलन के तहत राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को समूचे राज्य से अब तक ५ लाख से अधिक पोस्टकार्ड भेजे जा चुके है तथा राज्य के प्रत्येक जिले व हर एक मंडल से पत्र भेजने का सिलसिला जारी है. इसके तहत पश्चिम विदर्भ के ९२ व पूर्व विदर्भ के ९६ मंडलों से अब तक करीब २ लाख पोस्टकार्ड प्रेषित किये जा चुके है. जिसमें अकेले अमरावती शहर से अब तक करीब १० हजार पोस्टकार्ड भेजे जा चुके है.  नायडू व मोदी के खिलाफ अभियान नहीं हुआ शुरू यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, भाजपा द्वारा राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के नाम समूचे राज्य से १० लाख पोस्टकार्ड भेजे जाने के अभियान घोषित करने के दो दिन बाद ही राज्यसभा में भाजपा सांसद उदयन राजे द्वारा शपथ ग्रहण करते समय उन्हें उपराष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू की ओर से शपथ के अंत में जय भवानी – जय शिवाजी कहे जाने को लेकर काफी हंगामा हुआ था और दो दिन पूर्व ही राकांपा की प्रदेश ईकाइ ने भाजपा के इस अभियान पर पलटवार करते हुए घोषणा की थी कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उपराष्ट्रपति व्यंकय्या नायडू को ‘छत्रपति शिवाजी महाराज‘ लिखकर २० लाख पोस्टकार्ड प्रेषित किये जायेंगे. इस संदर्भ में राकांपा के स्थानीय नेताओं से पूछताछ करने पर पता चला कि, उन्हें अब तक प्रदेश कार्यकारिणी की ओर से ऐसे किसी अभियान के लिए कोई पत्र नहीं मिला है. अत: ऐसा कोई काम फिलहाल अमरावती से शुरू नहीं किया गया है. वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर जिलाधीश कार्यालय के समक्ष तीव्र आंदोलन करनेवाले सेना पदाधिकारियों से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उनका कहना रहा कि, शिवसेना की ओर से पीएम मोदी अथवा उपराष्ट्रपति नायडू को पत्र भेजने के संदर्भ में कोई घोषणा नहीं की गई थी, बल्कि हमने राज्य के प्रत्येक जिलाधीश कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए सरकार तक अपनी भावनाएं पहुंचा दी. वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों ने भी पत्र भेजे जानेवाले आंदोलन के संदर्भ में अपनी अनभिज्ञता दर्शाते हुए कहा कि, कांग्रेस की ओर से ऐसी कोई घोषणा तो नहीं की गई है. qकतु यदि राकांपा द्वारा ऐसा कोई अभियान शुरू किया जाता है, तो हम उसका समर्थन जरूर करेंगे.

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