* खत में जेल के कामकाज को लेकर ही उठाई गई थी आपत्ति
अमरावती/दि.9– स्थानीय सेंट्रल जेल में बंद रहने वाले एक कैदी ने अपने वकील के जरिए पत्र लिखकर उसे जेल से बाहर भेजा. परंतु इस पत्र और उसमें लिखी बातों को देखे व जांचे बिना उसे जस का तस बाहर जाने देना जेल के 2 अधिकारियों पर भारी पड गया है. क्योंकि इस गलती के लिए जेल के 2 अधिकारियों को दो दिन पहले निलंबित कर दिया गया. निलंबित किए गए अधिकारियों में वरिष्ठ जेल अधिकारी कमलाकर मिरासे व जेल अधिकारी राजेंद्र राठोड का समावेश है.
जेल प्रशासन के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती मध्यवर्ती कारागार में एक घोटाले के आरोप के तहत बंद रहने वाले आरोपी ने अपने वकील की सलाह लेते हुए खुद पर रहने वाले आरोपों से संबंधित जानकारी सरकार एवं प्रशासन के पास भेजी. जिसमें नागपुर कारावास पूर्व विभाग के विशेष महानिरीक्षक के नाम पर प्रतिलिपी भेजे जाने का भी उल्लेख था. क्योंकि यह पत्र अंग्रेजी में था. ऐसे में इसकी ओर अनदेखी की गई और उससे बिना पढे व बिना देखे जस का तस बाहर भेज दिया गया. परंतु इस पत्र में अमरावती सेंट्रल जेल के कामकाज को लेकर भी काफी आपत्ति का आक्षेप उठाए गए थे और इस बात की ओर कारागार प्रशासन के आईजी जालिंदर सुपेकर का ध्यान गया. जिसके बाद मामले की जांच करते हुए वरिष्ठ जेल अधिकारी कमलाकर मिरासे व जेल अधिकारी राजेंद्र राठोड को निलंबित कर दिया गया. इस संदर्भ में जेल आईजी सुपेकर से संपर्क किए जाने पर उन्होंने निलंबन की कार्रवाई को जेल महकमें से जुडा गोपनीय मामला बताते हुए इस बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया. हालांकि इतना जरुर बताया कि, मिरासे व राठोड को कर्तव्य में कोताही का कसुरवार माना गया है.