मोर्शी में कच्ची शराब पीने से 2 लोगों की मौत
4 की तबीयत बिगडी, अस्पताल में भर्ती
* सभी ने किया था गावरानी शराब का सेवन
* मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में धडल्ले से बिकती है गावरानी शराब
* पुलिस सहित आबकारी विभाग की कार्रवाई पर लगा सवालिया निशान
अमरावती /दि.20- समीपस्थ मोर्शी तहसील के तरोडा-धनोडा गांव में अवैध गावरानी शराब पीने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई. वहीं 5 लोगों की तबीयत बिगड जाने के चलते उन्हें तुरंत ही मोर्शी उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर स्थिति गंभीर रहने के चलते उन्हें जिला सामान्य अस्पताल रेेफर किया गया. यह घटना कल 19 जुलाई की रात 10 बजे के आसपास घटित हुई. जिसके चलते मोर्शी तहसील सहित पूरे जिले में हडकंप व्याप्त है. साथ ही घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल व उपविभागीय पुलिस अधिकारी नीलेश पाण्डेय ने तुरंत घटनास्थल को भेंट दी. साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्यप्रदेश की आठनेर पुलिस व महाराष्ट्र पुलिस के जिलास्तरीय आरसीबी पथक, दंगा नियंत्रक पथक एवं स्थानीय अपराध शाखा के पथक को गांव सहित परिसर में तैनात करते हुए पूरे परिसर में गावरानी शराब बनाने वालों की खोजबीन करनी शुरु की गई है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मोर्शी से 5 किमी की दूरी पर स्थित तरोडा-धनोडा भीवकुंडी गट ग्रामपंचायत का हिस्सा रहने वाले तरोडा-धनोडा गांव में 19 जुलाई की रात जंगलू टेकाम (62), मयाराम धुर्वे (67), सीताराम शेषराव परतेती (37), सुंदा मयाराम धुर्वे (56), सिंधु इसम धुर्वे (45), सुमेलाल शामू तुमरे (40), सुखदेव जीवता उईके (42) ने महुए से बनी गावरानी शराब का सेवन किया. लेकिन शराब पीने के कुछ ही देर बाद इन सभी 6 लोगों की तबीयत बिगडने लगी और उन्हें चक्कर आकर उल्टीयां होने लगी. यह बात ध्यान में आते ही गांववासियों ने तुरंत ही उन सभी लोगों को मोर्शी के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर जंगलू टेकाम व मयाराम धुर्वे की इलाज से पहले ही मौत हो चुकी थी. वहीं अन्य 4 लोगों पर तुरंत ही इलाज शुुरु किया गया. लेकिन इन सभी लोगों की स्थिति लगातार गंभीर बने रहने के चलते उन्हें अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया.
पता चला है कि, मृतक जंगलू टेकाम की पत्नी चंद्रकला टेकाम (45) ने यह शराब पीने से मना कर दिया था. जिसके चलते वह इस विषबाधा का शिकार होने से बच गई. इसके साथ ही यह जानकारी भी मिली है कि, विषबाधा का शिकार हुए मयाराम धुर्वे ने ही उक्त गावरानी शराब कहीं से खरीदकर लाई थी और चंद्रकला टेकाम ने ही यह शराब सभी लोगों को पीने के लिए दी थी. ऐसे में पुलिस ने चंद्रकला टेकाम को अपने कब्जे में लेकर उससे पूछताछ करनी शुरु कर दी है. साथ ही इस मामले में मयाराम धुर्वे को भी आरोपी बनाया गया है. जिसकी शराब पीने के बाद तबीयत बिगडकर अस्पताल में इलाज मिलने से पहले ही मौत हो चुकी थी.
इस मामले के सामने आने के बाद शुरु की गई जांच में पता चला कि, इन सभी लोगों ने एक साथ एक ही जगह पर बैठकर शराब नहीं पी थी. बल्कि उन्हें चंद्रकला टेकाम व मयाराम धुर्वे के जरिए गावरानी शराब उपलब्ध हुई थी. जिसका उन्होंने अपनी-अपनी सुविधा के हिसाब से अलग-अलग जगह पर सेवन किया था और वे विषबाधा का शिकार हुए. उल्लेखनीय है कि, इस मामले में चंद्रकला टेकाम के पति जंगलू टेकाम की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. वहीं शराब लाने वाले और उसी शराब को पीकर मारे गए मयाराम धुर्वे की पत्नी सुंदा धुर्वे विषबाधा का शिकार होने से बाल-बाल बची है. इसके अलावा अन्य 4 लोग आपसी रिश्तेदारी वाले है. ऐसे में पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि, कही उस शराब में कोई जहरीला तत्व तो नहीं मिला था. जिसकी वजह से सभी 6 लोगों की हालत बिगडी. * मोर्शी व मप्र की सीमा में बडे पैमाने पर चलती है ‘भट्टियां’
उल्लेखनीय है कि, मोर्शी से कुछ किमी की दूरी पर मध्यप्रदेश राज्य की सीमा शुरु हो जाती है. जहां पर पहाडी व जंगली इलाका है और इस इलाके में बडे पैमाने पर गावरानी शराब निकालने का धंधा चलता है. जिसके चलते जंगल परिसर में जगह-जगह पर गावरानी शराब की भट्टीयां लगी हुई है और मध्यप्रदेश राज्य के सीमावर्ती जिलों से मोर्शी थाना क्षेत्र के गांवों में बडे पैमाने पर गावरानी शराब लाई जाती है. चूंकि दोनों ओर से मजदूरों का रोजी-रोटी एवं कामकाज के लिए आना-जाना चलता रहा है. ऐसे में मजदूर भी अपने साथ कई बार खुद के पीने के लिए शराब के शिशे लेकर आते है. ऐसे में अब दोनों राज्यों की पुलिस द्बारा इस सीमावर्ती इलाके में कोम्बिंग ऑपरेशन चलाकर शराब की भट्टियों के खिलाफ अभियान चलाने पर विचार किया जा रहा है. साथ ही सीमावर्ती गांवों में शराब की आपूर्ति करने वाले राजकुमार साबले को मोर्शी पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया है.
* दो महिलाओं को मिला डिस्चार्ज
समाचार लिखे जाने तक मिली जानकारी के मुताबिक विषबाधा का शिकार होने के बाद जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराई गई सुंदा धुर्वे व सिंधु धुर्वे को इलाज पश्चात अस्पताल से डिस्चार्ज दे दिया गया. वहीं सीताराम परतेती, सुमेलाल कुमरे व सुखदेव उईके इन तीन लोगों पर अब भी इलाज जारी है.