20 विदेशी मेहमान आये, 300 विदेशी प्रचार में जुटे हैं
तुकडोजी महाराज के भक्त पूरे विश्व में
* महाराज से प्रभावित होकर शाकाहारी बने
* कुछ ने आधी कमाई दान का प्रण किया
* अधिकांश अमेरिकी हैं
* ग्रामगीता से बेहद प्रभावित, दल में महिलाएं भी
* आश्रम के कार्यक्रमों में भी उत्साहपूर्ण सहभाग
* भारतीयों में अच्छी भावना, बंधुभाव
* तुकडोजी महाराज ग्लोबल हीरो
अमरावती/दि.12 – राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के 54 वे पुण्यतिथि महोत्सव में सहभागी होने कदाचित पहली बार 20 विदेशी मेहमानों का दल अमरावती आया है. इस दल के सदस्यों ने आज दोपहर मराठी पत्रकार भवन में शहर के मीडिया प्रतिनिधियों से दिल खोलकर चर्चा की. उन्होंने बडी साफगोई से कहा कि, राष्ट्रसंत की ग्रामगीता को उन्होंने पढा है, जीवन में उतारने का निर्णय किया है. राष्ट्रसंत के विचारों को वे अपने देश और परिसर में भी फैलाएंगे, इस कदर वे प्रभावित है. बडी बात यह है कि, इन विदेशी मेहमानों में अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इंग्लैंड अनेक देशों के पुरुष और महिलाएं है. जिनका आयु वर्ग 28 से लेकर 60 वर्ष हैं. इस टीम का नेतृत्व मोटीवेशनल प्रवक्ता वॉशिंगटन निवासी विल हैरिस कर रहे हैं. जो पांचवी बार भारत और अमरावती पधारे हैं.
* अधिकांश अमेरिका से
भारत आये दल ने अधिकांश अमेरिका के विभिन्न प्रांतों को बिलाँग करते है. उनमें जेन मेकार्थी-न्यूयॉर्क, मैजा लिसा इडा हो, डौग क्रोव-दक्षिण केरोलिना, तामी गेन्स-न्यू जर्सी, बैंडन गौसलिन ओक्लाहोमा, माइकल मिन्ट्स टैक्सस, लीह मोन्टानी, कनाडा, लुबा शखरुक-मसाशुशेट्स, जेनीफर सौंडर्स-इडाहो, नीजेल स्मॉर्ट फिलाडेलफिया, मेलानी वॉर्नर टैक्सस, लेलीसा वाइट जॉर्जिया, कैलिया जॉन्स-कनेक्टिकट, लौरा बैक्सटर-जर्मनी, रे बैक्सटर-न्यूयॉर्क, जॉन बेट्स-उटा, पीटर डिकिनसन-इंग्लैंड, तोर अब्राम्स-इंग्लैंड का समावेश है. इन लोगों को अमरावती में मीडिया से वील पॉवर ह्युमनेटेरियन फाउंडेशन के शुभम नागपुरे, जयेश चव्हाण, अनूप नागपुरे, केसिया क्लीट्स, अखिल वीके ने मुलाकात करवाई.
* भारतीयों पर बडा प्रेम
विलियम हैरी ने बताया कि, वे 5-6 बार भारत आ चुके हैं. केवल प्रेरक संबोधन करने के लिए नहीं अपितु भारतीय संस्कृति और भारतीयों से उन्हें बडा स्नेह है. उनका मानना है कि, हम सभी एक ही है. रंग गोरा-काला हो सकता है. मानवता ही हमारा अंतिम लक्ष्य है. तुकडोजी महाराज ने मानवता का और स्नेह का संदेश दिया है.
* तुकडोजी विश्वनायक
हैरी ने कहा कि, जिन परिस्थितियों मेें राष्ट्रसंत ने कार्य किया. मानवता का और बंधुभाव का संदेश दिया. भारत के स्वाधीनता आंदोलन में भी भाग लिया. लोगों का जीवनमान उंचा उठाने के प्रयत्न किये. इन सब विशेषताओं से राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वनायक (ग्लोबल हीरो) बने है. उन्होंने कहा कि, यहां सभी भाई-बहन है. वे सुंदर और बडे अच्छे, भोले लोग है. उनके स्वास्थ्य तथा जीवनमान उंचा उठाने के गुरुकुंज की परिषद के प्रयास सराहनीय है. राष्ट्रसंत के विचारों के कारण ही यहां शांति और सद्भाव बने हुए हैं. विपरीत परिस्थिति में भी सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रसंत के विचारों के कारण यहां के लोग आपा नहीं खोते.
* 300 स्वयंसेवक जुटे
विलियम हैरी ने बताया कि, वे पुण्यतिथि महोत्सव में दो बार आये थे. उन्हें राष्ट्रसंत के विचार और ग्रामगीता में ग्रामोत्थान के लिए दिये गये विचार और संदेश बडे पसंद आये. इसलिए वे अपने मित्रों और व्यापारी वर्ग के लोगों से भी राष्ट्रसंत के विचारों को अपनाने की अपील करते है. आज अमरावती खासकर गुरुकुंज के लिए पधारे सभी 20 व्यक्ति यहां से संदेश लेकर अपने-अपने क्षेत्र में ग्रामगीता को साकार करने का प्रयत्न करेंगे. यह सिर्फ 20 लोग नहीं है. अपितु स्वयंसेवकों की करीबन 300 लोगोें की टीम है. जिसमें महिला और पुरुष दोनों है.
* केवल बातें नहीं, काम भी
विलियम हैरी ने कहा कि, वे पेशे से मोटीवेशनल स्पीकर है. मगर सिर्फ बातों से काम नहीं होता. प्रत्यक्ष फिल्ड में उतरकर वे लोग काम करते है. अमेरिका के अनेक प्रांतों मेें राष्ट्रसंत का विचार अपनाया जा रहा है. आज 20 लोग यहां आये है. आगे इनकी संख्या में बढोत्तरी होेने का दावा भी हैरी ने किया. हैरी राष्ट्रसंत के विचारों में रचे-बसे लगे.
* आधी कमाई चैरिटी में
गुरुकुंज आश्रम को यथायोग्य आर्थिक सहायता देने की बात कहते हुए हैरी ने कहा कि, वे और उनकी पत्नी समझो 20 लाख डॉलर कमाते है, तो आधी राशि वे धर्मार्थ देते है. आश्रम की दास टेकडी और अन्य परिसर के विकास के लिए मदद की है. उनका यह भी मानना है कि, यदि हम एक रुपया चैरिटी करते है, तो भगवान हमे दोगुना देता ही है. हैरी और उनके साथियों ने कहा कि, प्रेम और करुणा को अपनाने पर समृद्धि अवश्य आती है. भारतीयों में अनेक अच्छी भावनाएं मौजूद है. जो पैसे से बढकर है.
* लौरा ने गाया तेरे नाम अनेक….
पत्रकार परिषद में जर्मनी से अमरावती आयी लौरा बेक्सटर ने राष्ट्रसंत के भजन तेरे नाम अनेक…. तू एक ही है…. यह पंक्तियां अपने अंदाज में प्रस्तुत की. उनकी आवाज सचमुच बडी मधुर रही. उसी प्रकार लय-ताल में नजर आयी.
* अपनाया शाकाहार
इन सभी विदेशी मेहमानों ने राष्ट्रसंत की प्रेरणा से शाकाहार अपनाने की बात भी कहीं. आगे भी यहां आने का उनका प्रयत्न रहेगा. सभी भारत विशेषकर अमरावती गुरुकुंज आकर बडे प्रसन्न नजर आये. यहां वे होटल ग्रैंड मेहफिल में ठहरे है. वहां की व्यवस्था की भी उन्होंने प्रशंसा की. मेहमानों ने कहा कि, भारतीय बडे प्यारे हैं.
* जयकारा में अनूठा आनंद
मीडिया के आग्रह पर राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज और छत्रपति शिवाजी महाराज का जयकारा इन लोगों ने बडी स्फूर्ति से लगाया. यह भी कहा कि, भारतीयों की विद्वत्ता, संस्कृति उन्हें बडी भाती है. अनेक मेहमानों ने भारतीयों की आवभगत को भी विशेष बतलाया. पत्रकार अशोक जोशी ने मेहमानों को इत्र की शीशीयां उपहार दी, तो वे खुशी से फूले नहीं समाएं. उन्होंने जोशी को लव यू कहा.