* इलाज के लिए भी मिलती है रकम
अमरावती/दि.6- डाक विभाग ने टाटा एआयजी और बजाज एलियांस इन दो बीमा कंपनियों के साथ मिलकर एकत्रित बीमा योजना शुरु की है. इन दोनों कंपनियों की योजनाओं को साथ मिलाकर 795 रुपए का प्रिमियम भरते हुए डाक विभाग व्दारा दुर्घटना बीमा निकाला जाता है. जिसमें 20 लाख रुपए का बीमा लाभ दिए जाने की व्यवस्था है. साथ ही किसी हादसे में घायल होने पर बीमाधारक के इलाज हेतु भी इस योजना के जरिए सहायता राशि दी जाती है. जिले में अब तक करीब 19 हजार 844 नागरिकों ने इस बीमा योजना का लाभ लिया है. जिसमें से 7 से 8 लाभार्थियों को छिट-पुट हादसे के बाद इलाज के लिए बीमा राशि का लाभ मिला है. इस आशय की जानकारी डाक विभाग व्दारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि अचानक ही कोई हादसा घटित होने पर किसी भी व्यक्ति या उसके परिवार पर काफी बडा आघात होता है. ऐसे हादसों में शरीर के साथ तो नुकसान होता ही है, साथ ही घायल व्यक्ति के इलाज हेतु खर्च करने के लिए रकम कहां से लाई जाए, यह सबसे बडा सवाल रहता है. ऐसे में डाक विभाग ने बेहत कम पैसों में टाटा एआयबी व बजाज एलियांस इन दो बीमा कंपनियों के साथ मिलकर 31 बीमा योजना लाई है. जिसमें टाटा एआयजी व्दारा 399 रुपए व बजाज एलियांस व्दारा 396 रुपए ऐसे कुल 795 रुपए का प्रिमियम भरते हुए बीमा निकाला जाता है. जिसकी ऐवज में बीमाधारक को 20 लाख रुपए की बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है. इस बीमा का प्रतिवर्ष नुतनीकरण करना बेहद जरुरी है.
* कैसे निकाले बीमा पॉलीसी
इस बीमा योजन का लाभ लेने हेतु किसी भी तरह के दस्तावेज जमा करने की जरुरत नहीं है. पेपरलेस पद्धती से इस बीमा का फॉर्म भरवाया जाता है. जिसके लिए केवल आधार कार्ड व पैन कार्ड दिखाने की जरुरत पडती है. साथ ही नामिनी के नाम, जन्म तारीख व वैलिड ई-मेल आयडी की जानकारी देना अनिवार्य होता है.
* ऐसे मिलता है बीमा योजना का लाभ
डाक विभाग के जरिए बीमा पॉलीसी निकालने वाले व्यक्ति की यदि किसी हादसे में मौत हो जाती है, तो टाटा एआयजी व बजाज एलियांस इन दोनों कंपनियों व्दारा बीमाधारक व्यक्ति के परिवार को 10-10 लाख रुपए ऐसे कुल 20 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान की जाती है. इसके अलावा यदि बीमाधारक व्यक्ति किसी हादसे में स्थायी तौर पर अपंग हो जाता है, या उसे अपना एक हाथ अथवा पैर गंवाना पडता है तो ऐसी स्थिति में भी दोनों कंपनियों व्दारा बीमाधारक को 10-10 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान की जाती है. इसके साथ ही हादसा घटित होने के बाद बीमाधारक व्यक्ति के इलाज पर हुए खर्च के बिल बीमा कंपनी के पास जमा कराने होते है. मूल दस्तावेजों के साथ जमा कराए गए बिलों की जांच पडताल करने के बाद बीमा कंपनी व्दारा संबंधित व्यक्ति के परिवार को इलाज पर हुई खर्च की राशि का भुगतान किया जाता है.
डाक विभाग के जरिए दुर्गम क्षेत्रों में पोस्टमेन अपनी सेवाएं प्रदान करते है. उसी तरह अब अतिदुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों हेतु डाक विभाग व्दारा दुर्घटना बीमा योजना शुरु की गई है. जिसके तहत बेहद अत्यअल्प दरों में बीमा योजना का लाभ देने की योजना चलाई जा रही है. जिले में अब तक 19 हजार से अधिक नागरिकों ने इस योजना का लाभ लिया है. जिसमें से 7 से 8 नागरिकों को छिट-पुट हादसों के बाद बीमा राशि का लाभ प्रदान किया गया है.
– वसुंधरा गुल्हाने,
प्रवर्ग डाक अधिक्षक