अमरावती

निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 20 प्रतिशत बेड आवश्यक

जिलाधीश शैलेश नवाल ने जारी किए निर्देश

  • नॉन कोविड मरीजों के लिए स्वतंत्र वार्ड तैयार करने की बात कहीं

अमरावती/दि.8 – इन दिनों यद्यपि अमरावती जिले में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या घट रही है. किंतु निजी कोविड अस्पतालों को बंद नहीं कियसा जायेगा. बल्कि वहां पर उपलब्ध कुल बेड में से 20 प्रतिशत बेड कोविड संक्रमित मरीजो के लिए आरक्षित रखते हुए आवश्यकतानुसार नॉन कोविड मरीजों के लिए स्वतंत्र वार्ड निर्माण किया जायेगा. इस आशय के निर्देश जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा निजी कोविड अस्पतालों के नाम जारी किया गया.
जिले के सभी कोविड अस्पतालों के डॉक्टर एवं उनके प्रतिनिधियो की बैठक गत रोज जिलाधीश कार्यालय में हुई. इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधीश नवाल ने उपरोक्त निर्देश दिए. इस समय मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम, मनपा के स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशाल काले तथा पीएम जन आरोग्य योजना के जिला समन्वयक डॉ. सचिन सानप आदि उपस्थित थे. इस बैठक में जिलाधीश नवाल ने कहा कि यद्यपि इस समय कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में काफी हद तक कमी आ गई. किंतु हमें लापरवाह नहीं रहना है. क्योंकि कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में निजी कोविड अस्पतालों को फिलहाल नॉम कोविड अस्पताल में रूपांतरित न किया जाए. बल्कि उन अस्पतालों में 20 प्रतिशत बेड कोविड संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित रखते हुए नॉन कोविड मरीजों के लिए स्वतंत्र वार्ड तैयार किया जाए. इसके तहत नॉन कोविड वार्ड में आने जाने हेतु स्वतंत्र व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए. इसके अलावा 50 से अधिक बेड की क्षमता वाले अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जाए. इसके साथ ही जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि निजी अस्पतालोे में कोविड मरीजों के ईलाज हेतु दिए जा रहे बिल के संदर्भ में मिल रही शिकायतों की जांच करने हेतु ऑडिट पथक की स्थापना की गई है. इस टीम द्वारा अपना काम पूरी ईमानदारी और कडाई के साथ किय जाए साथ ही सभी निजी कोविड अस्पतालों द्वारा ऑडिट पथक के साथ सहयोग किया जाए. साथ ही इसके अलावा जिले के सभी ग्रामीण अस्पतालों को महात्मा ज्योतिराव फुले जीवनदायी आरोग्य के तहत शामिल किया जाए. मोर्शी और धारणी में डायलिसीस सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया को गतिमान किया जाए.

निजी अस्पतालों में म्यूकर मायकोसिस के ईलाज की दरें तय

इस समय जिलाधीश शैलेश नवाल ने यह भी कहा कि इन दिनों जिले में म्यूकर मायकोसिस नामक फंगल इंफेक्शन से संक्रमित मरीज बडे पैमाने पर पाए जा रहे है. इस बीमारी का ईलाज काफी महंगा होता है. ऐसे में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा म्यूकर मायकोसिस मरीजों के ईलाज हेतु निजी अस्पतालों के लिए अधिकतम दरे तय की गई है. अत: सभी निजी अस्पतालों द्वारा इन्हीं दरो के आधार पर मरीजों को ईलाज किया जाना चाहिए और यदि कहीं पर भी इससे अधिक शुल्क लिए जाने की शिकायत सामने आती है तो संबंधितों के खिलाफ आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम अंतर्गत कार्रवाई की जायेगी. इस बारे में जांच और कार्रवाई के अधिकार अन्य व औषधी प्रशासन के सहायक आयुक्त, जिला शल्य चिकित्सक मनपा स्वास्थ्य अधिकारी व जिला स्वास्थ्य अधिकारी को दिए गये है.

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