अमरावतीमहाराष्ट्र

सतपुडा पर्वतों में 20 हजार वर्ष पूर्व के भित्ति चित्र

डॉ. विजय इंगोले का संशोधन

* नाम दिया अंबादेवी रॉक शेल्टर
* विश्व विरासत की तरह सहेजें

अमरावती/दि.26– विदर्भ तथा मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित अंबादेवी परिसर की गुफाओं में मिले शहामृग और उसके अंडों, बच्चों के चित्र कवच के डीएनए तथा कार्बन डेंटिंग पश्चात स्पष्ट हुआ है कि यह शैलचित्र 20 से 42 हजार वर्ष पहले के हैं. इस बारे में संशोधक डॉ. विजय इंगोले का आज से 5 साल पहले शोध निबंध भी प्रकाशित हुआ है. जिससे स्पष्ट है कि भारत में 35 हजार वर्ष पहले शतुरमुर्ग का अस्तित्व था. अंबादेवी शेलगुफा के यह चित्र पूर्व अश्मयुगीन समय के होने का निरीक्षण से स्पष्ट हुआ है.
अंबादेवी रॉक शेल्टर
डॉ. इंगोले ने भारतीय पुरातत्व विभाग तथा यूनेस्कों से अंबादेवी रॉक शेल्टर क्षेत्र को विश्व हैरिटेज के रूप मेें मान्यता देकर संरक्षण का अनुभव किया है. डॉ. इंगोले ने विश्वास व्यक्त किया कि यह चित्र केवल कला नहीं तो भारतीय अश्मयुगीन इतिहास के सबसे प्राचीन गवाह है.
विद्यापीठ की पहल
संगाबा अमरावती विवि ने अंबादेवी शैलचित्र गुफाओं के चित्र प्राचीन तथा दुर्लभ होने से देश विदेश के संशोधक वहां अवलोकन हेतु आ रहे हैं. इसलिए अश्मयुगीन चित्र गुफाा अध्ययन केन्द्र शुरू करनेे की तैयारी की है.

* शतुरमुर्ग के ऐसे चित्र कहीं नहीं
अंबादेवी रॉक शेल्टर के मुंगसादेव क्षेत्र में चित्र गुफा में अन्य वन्य जीवों के चित्रों के समान शिव थेरियम (जिराफ जैसा प्राणी) आर्डवार्क जैसा कीटक भक्षी प्राणी और अफ्रीकन जंगली कुत्त्तो जैसे बारीकी से उकेरे गये हैं. यह प्राणी विलुप्त हो गये हैं. अश्मयुगीन आदि मानव द्बारा चित्रित वन्यजीवों के ऐसे चित्रोंको प्रत्यक्ष नजर से देखना संभव नहीं है.

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