अमरावती

अत्याचारी को 20 वर्ष सश्रम कारावास

वरुड पुलिस थाना क्षेत्र की नाबालिग लडकी का किया था शिकार

अमरावती/ दि. 21- वरुड पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाली एक 14 वर्षीय नाबालिग लडकी पर उसके नराधमी पिता ने ही कई बार अत्याचार किया. जिससे वह गर्भवती हो गई. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने नराधमी पिता के खिलाफ अपराध दर्ज किया. मुकदमे की सुनवाई विशेष अतिरिक्त न्यायाधीश एस. जे. काले की अदालत में ली गई. आरोपी पर दोष सिध्द होने पर अदालत ने आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इस मुकदमे में विशेष सरकारी वकील शशिकिरण पलोड ने दलीले पेश की.
वरुड पुलिस थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में यह घटना हुई. पीडित की शिकायत पर वरुड पुलिस ने 26 जून 2020 को अपराध दर्ज किया. पीडित नाबालिग लडकी की पडोस में रहने वाली महिला ने इस बारे में वरुड पुलिस थाने में शिकायत दी. जिस समय शिकायत दी, उस वक्त पीडित लडकी 6 माह की गर्भवती होने की बात शिकायत में उल्लेख की है. वरुड पुलिस ने पीडित लडकी से पूछताछ की. उसने बलात्कार किये जाने के मामले में पिता सहित अन्य दो लोगों के नाम बताये थे. उस समय शिकायत करने वाली महिला को तीनों आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी थी. पुलिस ने पीडित लडकी के पिता समेत अन्य दो आरोपियों के खिलाफ बलात्कार समेत बाल लैंगिक अत्याचार प्रतिबंधक कानून के तहत अपराध दर्ज किया था. इस मामले में अदालत ने सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील एड.शशिकिरण पलोड ने दलीले पेश की. सहायक पुलिस निरीक्षक सारिका बागडे ने तहकीकात कर अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया. कुछ दिन बाद पीडित युवती ने एक बच्चे को जन्म दिया. उस बच्चे का डीएनए उसके जन्मदाता पिता के साथ मैच खाए. न्यायमूर्ति एस.जे.काले ने मुख्य आरोपी पीडिता के पिता को 20 वर्ष सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. बकाया दो आरोपियों को पर्याप्त सबूत न होने के कारण अदालत ने बाईज्जत बरी किया.

दो गवाह बयान से मुकरे
न्यायालय ने इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान कुल 13 गवाहों के बयान लिये. इसमें से दो गवाह अदालत में अपने बयान से मुकर गये. आरोपी के खिलाफ पोस्को कानून के तहत अपराध सिध्द हुआ.

पीडित युवती बाल सुधार गृह में
अपराध दर्ज होने के बाद से पीडित लडकी बाल सुधार गृह में रह रही है. उसका पुनर्वसन, शैक्षणिक खर्च समेत उसे मनोधैर्य योजना का लाभ दे, इस बारे में अदालत ने विधि व सेवा प्राधिकरण अमरावती को आदेश दिये.
– एड. शशिकिरण पलोड, विशेष सरकारी वकील, अमरावती

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