पांच वर्षीय बच्ची के दुराचारी को 20 वर्ष की कैद
सश्रम कारावास के साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी
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अमरावती/दि. 1 – चांदुर रेलवे पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत पलसखेड गांव में महज 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुराचार करनेवाले रोशन नागोराव मारोटकर (26, पलसखेड, तह. चांदुर रेलवे) नामक नराधम आरोपी को स्थानीय प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश एस. वी. यार्लगड्डा की अदालत में दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 15 हजार रुपए के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माने की रकम पीडिता की मां को अदा की जाएगी. साथ ही जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी को दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा.
इस संदर्भ मिली जानकारी के मुताबिक 13 फरवरी 2021 को पलसखेड गांव में रहनेवाली पांच वर्षीय बच्ची अपने घर के सामने गांव में ही रहनेवाले बच्चे के साथ खेल रही थी. तभी रोशन मारोटकर ने हरभरा देने की लालच देकर दोनों को अपने घर के पास बुलाया. जिसके बाद रोशन ने पीडिता के साथ खेल रहे बच्चे को बाहर भेज दिया और पीडिता को अपने घर के भीतर ले जाकर उसके साथ लैंगिक अत्याचार किया. पश्चात पीडिता ने यह पूरी बात अपनी मां को बताई. जिसके बाद पीडिता की मां ने चांदुर रेलवे पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई. इसके आधार पर पुलिस ने रोशन मारोटकर के खिलाफ भादंवि की धारा 376 (ए) (बी) तथा पोक्सो एक्ट के धारा 3, 4, 5 (एम) व 6 के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया, साथ ही मामले की जांच पूरी कर अदालत में चार्जशीट पेश की. जहां पर अभियोजन पक्ष ने कुल 13 गवाह पेश करते हुए आरोपी के खिलाफ जबरदस्त पैरवी की. अभियोजन पक्ष के युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए आरोपी रोशन मारोटकर को अदालत ने दोषी करार दिया. साथ ही भादंवि की धारा 376 (ए) (बी) के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास व 15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड. शशीकिरण पलोड (असोपा) ने सफलतापूर्वक युक्तिवाद किया. जिन्हें जांच अधिकारी एपीआई गीता तागडे, पीएसआई जितेंद्र जाधव तथा कोर्ट पैरवी अधिकारी एएसआई प्रवीण म्हाला, विजय वाठ, पोहेकां अरुण हटवार व नापोकां मनोज देशमुख का सहयोग मिला.