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नाबालिग लडकी के बलात्कारी को 20 वर्ष सश्रम कारावास

जिला व सत्र न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला

* नांदगांव खंडेश्वर तहसील के बोरी गांव की घटना
* पीडित लडकी को उठाकर घर ले गया था
अमरावती/ दि.6– नांदगांव खंडेश्वर पुलिस थाना क्षेत्र के बोरी गांव में प्यास लगने के कारण विठ्ठल की दींडी छोडकर घर जा रही थी. इस समय नाबालिग लडकी को पडोस में रहने वाला आरोपी विलास निकोरे उठाकर अपने घर ले गया और उस बालिका पर जोरजबर्दस्ती उस लडकी पर बलात्कार किया. यह अपराध सिध्द होने पर जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 2 के न्यायमूर्ति वी. एस. गायके की अदालत ने आरोपी विलास निकोरे को बलात्कार के अपराध में 10 वर्ष सश्रम कारावास और पोस्को के अपराध में 20 वर्ष सश्रम कारावास की महत्वपूर्ण सजा सुनाई.
विलास रमेश निकोरे (29, बोरी, तहसील नांदगांव खंडेश्वर) यह दफा 376 (2) (आई) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 2 माह कारावास की सजा. इसी तरह धारा 4 पोस्को एक्ट के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर दो माह कारावास ऐसी दोनों सजा एकत्रित पाने वाले आरोपी का नाम है. अदालत में दायर दोषारोपपत्र के अनुसार नाबालिग लडकी 4 जुलाई 2017 की दोपहर 5 बजे प्यास लगी इस वजह से विठ्ठल की दींडी छोडकर घर जा रही थी. इस दौरान पडोस में रहने वाला आरोपी विलास निकोरे उस लडकी को उठाकर घर ले गया और जोरजबर्दस्ती उस बालिका पर बलात्कार किया. इसके बाद लडकी रोते हुए घर गई, उसने माता-पिता को सारी हकीकत बताई. इसी दिन आरोपी को पकडने का प्रयास किया गया, परंतु वह भाग गया, ऐसी रिपोर्ट नांदगांव खंडेश्वर पुलिस थाने में दी गई. मामले की तहकीकात करने के बाद अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया गया. आरोपी के खिलाफ दोष साबित करने के लिए सरकार की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील मंगेश श्रीधर भागवत ने पांच गवाहों के बयान लिये. इस मुकदमे में सबुतों का अवलोकन कर सरकारी वकील ने दी दलीले मान्य करते हुए अदालत ने आरोपी को उपरोक्त सजा सुनाई. अदालत ने जिला विधि सेवा प्राधिकरण को पीडित को नुकसान भरपाई के रुप में मनोधैर्य योजना के अंतर्गत देने का आदेश पारित किया गया. पैरवी अधिकारी के रुप में महिला पुलिस कर्मचारी प्रतिभा देशमुख ने कामकाज देखा.

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