अमरावती

बहिरम यात्रा में आयोजित शंकरपट में २०० बैलजोड़ी ने दिखाए अपने करतब

यात्रा ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए, शर्तों व नियमों के आधार पर हुई स्पर्धा

परतवाड़ा /दि. २३ -बहिरम में शनिवार २१ जनवरी से बैलजोड़ी स्पर्धा (शंकरपट) जारी रही. इस स्पर्धा में विविध स्थानों से बैलजोड़ी सहभागी हुई. स्पर्धा के लिए अनेक शर्तों व नियमों का पालन स्पर्धकों का करना पड़ा. शर्तों का सही तरीके से पालन हो रहा है. इस बात का पूरा ध्यान रखने के लिए यहां पर स्पर्धा के दौरान दो नायब तहसीलदार शंकरपट स्पर्धा स्थल पर उपस्थित थे. नियमों व शर्तों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने का अधिकार नायब तहसीलदारों को दिया गया था, किंतु आयोजन के दौरान ऐसे कुछ मामले सामने नहीं आए. विधायक बच्चू कडू के माध्यम से शंकरपट का शानदार आगाज हुआ. तीन दिवसीय शंकरपट स्पर्धा का उद्घाटन मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल के हाथों किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.प्रभु जवंजाल, प्रवीण पाटील, गजानन घोरे, अविनाश सुरजुसे, पंकज बारब्दे, अंकुश जवंजाल, रवि प ाटील प्रमुखता से उपस्थित थे. स्पर्धा में विजयी होनेवाले विजेता को साढेसात लाख रुपए के पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा. शंकर पट में खासतौर पर माने जानेवाली घडी भी बहिरम में दाखिल हुई. मराठवाडा के हिंगोली जिले के येहले गांव के राजाभाऊ संभाजी मंदाडे नामक घड़ी १९७९ शंकरपट के ठोके दर्ज करने का काम करते आ रहे है. शंकर पट के लिए पहले राजाभाऊ की तारीख पक्की करनी पड़ती है, फिर शंकर पट की तिथि निश्चित होती है. शंकर पट में हवा की गति से दौड़ने वाले बैलों द्वारा तय की गई दूरी का अचूक समय गिनने के लिए राजाभाऊ को खासतौर पर बुलाया गया.
शंकरपट के दूसरे चरण में शंकरपट में ३६ बैलजोड़ी ने अपने करतब दिखाए. जहां दूसरे दिन कुर्हा निवासी विनोद दमाये की गुरुसिंघम नामक बैलजोडी ने मात्र ६.०५ सेकंड में ही मंजिल हासिल कर पहले स्थान पर जीत दर्ज करवा दी. इतनाही नहीं तो मध्यप्रदेश के राकामाठी निवासी कैलाश पटेले की टिकली-टिकली जोड़ी ने भी उसी समय में मंजिल हासिल की. इस बैलजोडी को पुरस्कार से सम्मानित किया गया. देवकी के बंडू पाटील डफले की इशारा-बादशाह जोडी ने ६.१५ सेकंड में जीत दर्ज की. स्पर्धा में मध्यप्रदेश, के साथ-साथ राज्य के सोलापुर, खोलापुर, उस्मानाबाद, बीड, पंढरपुर से तथा जिले से २०० बैलजोडियां शामिल हुई. विधायक बच्चू कडू ने यात्रा में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. उन्होंने इस दौरान आगामी शंकर पट के लिए रखे गए इनाम पुरस्कार में १ लाख की और भी बढ़त करते हुए स्वयं इस स्पर्धा में बैलजोड़ी को लेकर शामिल होने की घोषणा की. स्पर्धा को सफल बनाने के लिए संतोष किटुकले, रवि पाटील, राम जांबेकर, अंकुश जवंजाल, राजेश सोलव, सुरेश गणेशकर, विलास बुरघाटे, राजन शेलके, इस्माइल भाई जाहिद भाई, निखील क्षिरसागर तथा प्रकार के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने प्रयास किए.

जिलाधीश कार्यालय को पेश करना होगा डिजिटल वीडियो
तीन दिवसीय शंकर पट के आयोजन के लिए आयोजन समिति के अध्यक्ष संतोष किटुकले ने प्रशासन से शंकर पट की अनुमति मांगी थी. उपविभागीय अधिकारी, जिला पशुधन उपायुक्त, कारंजा बहिरम ग्रापं सचिव, जिला पुलिस अधीक्षक, चांदूर बाजार के बीडीओ की रिपोर्ट के बाद प्रशासकीय प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात कलेक्टर ने नियम व शर्तों के अधीन रहते हुए शंकर पट को अनुमति दी. शंकर पट के समापन के पश्चात जिलाधीश कार्यालय को शंकर पट का डिजिटल वीडियो पेश करना होगा. नियमों के पालन व आचार संहिता पर नजर रखने के लिए तीन मंडल अधिकारी व पटवारियों के साथ ९ सदस्यों का दस्ता तैनात थे. शंकर पट का आयोजन अब जटिल हो गया है. जिलाधीश की अनुमति के लिए ८ संबंधित अधिकारियों की रिपोर्ट बंधनकारक है. शंकर पट के लिए आने वाले हजारों दर्शकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोजक पर रहती है. उनके लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करने के साथसाथ वैद्यकीय सुविधा व एम्बुलेंस भी तैनात रखनी पडती है. साथ ही ५० हजार रुपयों की गारंटी राशि जिला प्रशासन को देनी पडती है. शंकर पट में लम्पी प्रतिबंधक उपयोजनाओं पर अमल के लिए पशु वैद्यकीय अधिकारी की नियुक्ति की गई है. उनके साथ ७ सदस्यों की टीम ने बैलों की जांच कर लम्पी का प्रादुर्भाव न रहने का प्रमाणपत्र देने के बाद ही शंकर पट में हिस्सा लिया जा सकता है. साथ ही बैलों के प्रति हिंसक व्यवहार का प्रतिबंध करना आवश्यक है. अमरावती स्रातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव की पृष्टभूमि पर आदर्श आचार सहिंता के पालन की दक्षता आयोजकों को लेनी पडेगी. शंकर पट में सहभागी होने वाले स्पर्धकों की जानकारी, आवेदन के नमूने, अनुपालन की रिपोर्ट, पशु वैद्यक के प्रमाणपत्र, आयोजन का डिजिटल रूप में वीडियो शूटिंग शंकर पट समाप्त होने के बाद १५ दिनों के भीतर जिलाधीश कार्यालय को पेश करना पडेगा.

शंकर पट में महिलाओं ने दिखाया कौशल
शंकर पट के अंतिम दिन महिला शंकर पट का आयोजन किया गया इस अवसर पर महिलाओं ने स्पर्धा में सहभागी होकर अपना कौशल दिखाया. समाचार लिखे जाने तक शंकर पट स्पर्धा जारी थी.

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