* 11 माह में 985 भूमिपुत्रों ने लगाया मौत को गले
अमरावती/दि. 7-सरकार और प्रशासन जब विधानसभा चुनाव की भागमभाग में व्यस्त था. उस समय अर्थात अक्तूबर-नवंबर के 60 दिनों में पश्चिम विदर्भ में किसानों की दशा खराब होती गई. 197 किसानों ने मौत को गले लगा लिया. औसतन रोज 3 किसानों ने जान दी. उसी प्रकार वर्ष 2024 के 11 माह में संभाग में किसान आत्महत्या का आंकडा 985 तक जा पहुंचा है. अक्तूबर में सर्वाधिक 114 कृषकों ने आत्महत्या की.
* सरकारी मदद आधे मामलों में
आसमानी संकट से फसल खराब होने की वजह से किसानों में निराशा पनप रही र्है. गत दो दशकों से किसान आत्महत्या संवेदनशील और गंभीर विषय बना है. अकाल, फसल चौपट होना, साहूकारों का ऋण, बैंक लोन आदि कारणों से कृषक आत्महत्या कर रहे हैं. जनवरी में 87, फरवरी में 94, मार्च में 106, अप्रैल में 94, मई में 81, जून में 72, जुलाई में 71, अगस्त में 90, सितंबर में 93, नवंबर में 83 किसानों ने जान दे दी. किंतु प्रशासन ने 306 प्रकरणों में सरकारी सहायता दी है. 392 मामले जांच हेतु प्रलंबित रहने की जानकारी दी जा रही है. वहीं 287 किसानों की आत्महत्या प्रकरण को प्रशासन ने शासकीय सहायता के अयोग्य ठहराया है.