आसाम में २०० युनिट बिजली नि:शुल्क किंतु महाराष्ट्र्र में क्यों नहीं?
विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने उठाया सवाल
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महाराष्ट्र को भी २०० युनिट बिजली दी जाए
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समिति की ओर से नाना पटोले को निवेदन
अमरावती प्रतिनिधि /दि.१८ – कांग्रेस की नेता प्रियंका वाड्रा ने आसाम में विधानसभा चुनाव दौरान नागरिको को २०० युनिट बिजली नि:शुल्क देने की घोषणा की है. किंतु महाराष्ट्र में भी कांग्रेस सरकार होने पर यहां के नागरिको को बिजली नि:शुल्क क्यों नहीं दी जाती, ऐसा सवाल विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से किया गया. महाराष्ट्र को भी २०० युनिट बिजली नि:शुल्क देने का निवेदन समिति ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले से किया है.
हाल ही में देश के ५ राज्य में विधानसभा चुनाव की हलचले शुरू है. इस चुनाव दौरान अनेक पार्टी द्वारा विविध आश्वासन देकर वोट प्राप्त करने का प्रयास जारी है. कांग्रेस की नेता प्रियंका वाड्रा ने आसाम में एक जाहीर सभा में कांग्रेस सरकार आने पर वहां के नागरिको को २०० युनिट तक बिजली नि:शुल्क देंगे, ऐसा आश्वासन दिया है. महाराष्ट्र में भी शिवसेना कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस की सरकार है. जिसके कारण यहां भी नागरिको को २०० युनिट तक बिजली नि:शुल्क क्यों नहीं दी जा रही है. ऐसा सवाल विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने किया है. निवेदन देते समय समिति ने कहा है कि नानाभाऊ तुम जिस कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष है. उसी पार्टी के महाराष्ट्र राज्य की सत्ता में भागीदार है. इतना ही नहीं तथा कांग्रेस के ही नितीन राउत यह ऊर्जामंत्री है. कोरोना के समय बिजली का सवाल यह महाराष्ट्र में ज्वलंत है. ऐसा होने पर यहां की जनता को आसाम राज्य की तरह नि:शुल्क बिजली क्यों नहीं ? ऐसा सवाल विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने किया है. कोरोना के समय भी लाखों परिवार रोजगार से वंचित है. ऐसी आर्थिक संकट में भी बकाया बिजली ग्राहक के पास पुलिस दल व बिजली कर्मचारी भेजकर उनकी बिजली काटने का क्रम चलाते है. ऐसे समय में आसाम में प्रियंका वाड्रा ने दिए आश्वासन महाराष्ट्र में लागू नहीं हो सकते क्या? ऐसा सवाल उपस्थित किया है.
जिस बिजली महावितरण कंपनी ने राज्य के किसानों से २२ हजार करोड रूपये अधिक की बिजली वसूल की. उसी प्रकार किसानों ने बिजली न जलाकर भी उन्हेे फर्जी बिजली बिल दिए गये. वे बिजली बिल अभी तक सुधारे नहीं गए. उस किसानों के भी कृषि पंप के बिजली कनेक्शन तुम्हारे ऊर्जामंत्री कैसे काटते है. ? २२ हजार करोड रूपये किसानों के व ८ हजार रूपये महाराष्ट्र सरकार की सबसिडी लेकर ३० हजार करोड का घोटाला करनेवाले बिजली महावितरण कंपनी की जांच क्यों नहीं करते व किसानों का कनेक्शन काटने में आदेश कैसा, ऐसा सवाल उपस्थित किया गया है.
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समिति की मांग
२०० युनिट तक बिजली नि:शुल्क मिले. उसके बाद ही युनिट दर कंपनी कम करे. खेत पंप के बिजली बिल खत्म करे. इस मांग के लिए विदर्भ जन आंदोलन समिति आंदोलन कर रही है. कोरोना के समय का बिजली बिल सरकार की ओर से ही भरा जाए. घरेलू व कृषि पंप के बिजली कनेक्शन काटना तत्काल रोका जाए. अन्यथा विदर्भ जन आंदोलन समिति द्वारा तीव्र आंदोलन छेडा जायेगा. ऐसी चेतावनी भी जिला समन्वयक राजेन्द्र आगरकर ने दी है.