अमरावतीमहाराष्ट्र

ग्रामीण से 207 दुपहिया चोरी, केवल 74 वापिस मिले

डिटेक्शन की अपनी सीमाए

अमरावती/दि.13– विगत वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन चोरी के मामले लगातार बढ रहे है. इसमें भी नगरपालिका वाले शहरों के बाजार क्षेत्रों से सर्वाधिक दुपहिया वाहन चोरी होते है, जिसमें से बेहद कम वाहन वापिस बरामद हो पाते है. जारी वर्ष में जनवरी से नवंबर माह तक जिले के ग्रामीण क्षेत्र से 207 दुपहिया वाहन चोरी हुए. जिसमें से केवल 74 वाहन ही दोबारा बरामद हो पाये.
उल्लेखनीय है कि, आज प्रत्येक घर में कम से कम एक या दो दुपहिया वाहन तो होते ही है. जिसके चलते दुपहिया वाहनों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ है. साथ ही विगत कुछ वर्षों के दौरान दुपहिया वाहन की कीमते भी एक से दो लाख रुपयों के आसपास जा पहुंची है. वाहन चोरों द्वारा दुपहिया वाहनों को चुराने पर काफी अधिक जोर दिया जा रहा है. अब तक शहरी क्षेत्र में दुपहिया वाहन चोरी का प्रमाण अधिक था. वहीं अब पिछले दो-तीन वर्षों से वाहन चोरों ने अपना मोर्चा तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों की ओर मोड दिया है. जिसके चलते अब ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना 2 से 3 दुपहिया वाहन चोरी हो रहे है. जिसमें से ज्यादातर दुपहिया वाहनों का आगे चलकर कोई अता-पता नहीं चलता.

* डिटेक्शन की अपनी सीमाए
जिला पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने जिले में लगातार बढती वाहन चोरी की घटनाओं की जांच करने हेतु स्थानीय अपराध शाखा व सभी स्थाना प्रभारियों को आदेश दिये है. परंतु कई दुपहिया वाहनों के केवल स्पेअर पार्ट निकालकर बेचे जाते है, या फिर ऐसे वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगा दी जाती है. जिसके चलते ऐसे वाहनों को खोज पाना काफी मुश्किल होता है. यहीं वजह है कि, विगत 11 माह में जहां 207 दुपहिया वाहन चोरी हुए, वहीं इस दौरान मात्र 74 दुपहिया वाहनों का ही दोबारा पता लग सका.

* ऐसे टल सकती है वाहन चोरी
वाहन को चोरी होने से बचाने के लिए सबसे सहज व सरल उपाय विविध तरह के तालों का प्रयोग करना है. जिसके तहत हैंडल लॉक, इग्निशन लॉक, डिस्क ब्रेक लॉक व फोर्क लॉक जैसे दो या उससे अधिक तालों का प्रयोग किया जा सकता है. इसके अलावा रात के समय दुपहिया वाहन को रास्ते के किनारे खडा करने की स्थिति में लोहे की मोटी सांकल व मजबूत ताले का प्रयोग किया जा सकता है. इसके साथ ही दिन के समय कही पर भी किसी काम के चलते दुपहिया वाहन पार करते समय उसमें हैंडल लॉक जरुर लगवाये और उसे अपनी नजरों के आसपास ही रखे.

* सजग व सतर्क रहना जरुरी
जहां तक संभव हो दुपहिया वाहनों को सडक पर खडा करने की बजाय अपने घर के आंगण के भीतर ही खडा किया जाये. साथ ही बाजार में भी किसी दर्शनीय हिस्से में ही दुपहिया वाहन पार्क करे. इसके अलावा अत्याधुनिक तंत्रज्ञान व पारंपारिक सुरक्षा साधनों का उपयोग भी दुपहिया वाहनों की सुरक्षा के लिए करे.
– किरण वानखडे,
पुलिस निरीक्षक,
ग्रामीण एलसीबी.

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