
* शासन और प्रशासन का पढाई पर नहीं ध्यान
अमरावती/ दि. 4-मेलघाट की स्वयंसेवी संस्था खोज के कार्यकर्ताओं और एड. बंडया साने ने दावा किया कि मेलघाट से बडे प्रमाण में स्थानीय लोगों का रोजगार के लिए पलायन हो गया है. खुद उन्होंने बडनेरा परिसर की 20 ईंट भट्टों की निगरानी की तो वहां 208 बच्चे शाला और आंगणवाडी से दूर नजर आए. इन बच्चों की पढाई का नुकसान हो रहा है. शासन और प्रशासन इस मामले में बेफिक्र होने का आरोप एड. साने ने लगाया.
आज दोपहर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए साने ने गौरखेडा कुंभी और चिखलदरा के खटकाली गांव के ज्वलंत उदाहरण मीडिया के सामने रखे. उन्होंने ईंट भट्टों पर माता-पिता के काम करने की वजह से बच्चे भी वहीं खेलकूद करने की ओर ध्यान दिलाया. साने ने कहा कि मेलघाट के दुर्गम भागों में रोजगार का अभाव है. खटकाली ग्राम का उदाहरण देकर उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत परिवार रोजगार को लिए गांव से बाहर चले गये हैं. जिससे शालाओं में पढने वाले बच्चे भी मजबूरन माता-पिता के साथ गये हैं. जिला परिषद की शाला में उन्होंने जाकर उपस्थिति देखी तो 135 में से मात्र 18 बच्चे उपस्थित थे. गांव के अधिकांश घरों पर ताले लटक रहे हैं. 90 प्रतिशत विद्यार्थी ईट भट्टों पर पालकों के साथ गये हैं. साने ने दावा किया कि गांव की सात गर्भवती महिलाए भी ईंट भट्टों पर गई है. उन्होंने शिक्षा का अधिकार, अधिनियम का उल्लेख कर कहा कि मेलघाट के बच्चों की ओर शासन प्रशासन उपेक्षा कर रहा है.