बीटी बीजों के दाम बढने से खरीफ में 21 करोड का फटका
प्रति पैकेट 37 रुपए की दर वृद्धि, किसानों का उत्पादन खर्च बढा

अमरावती /दि.1- उत्पादन खर्च और प्रत्यक्ष आय में कोई तालमेल नहीं रहने के चलते खेतीकिसानी दिनोंदिन कुछ ज्यादा ही बेभरोसे वाली होती जा रही है. वहीं अब कपास के बीजी-2 बीजों के दामों में प्रति पैकेट 37 रुपयों की वृद्धि हुई है. जिसके चलते किसानों की चिंता बढ गई है. पश्चिम विदर्भ में बीजी-2 बीजों के इस बार 55 लाख से अधिक पैकेट की जरुरत पडेगी. जिसके चलते बीजों की दर वृद्धि की वजह से विदर्भ क्षेत्र को करीब 20 से 21 करोड रुपयों का अतिरिक्त खर्च करना होगा.
ज्ञात रहे कि, कपास को गारंटी मूल्य नहीं मिल रहा. साथ ही बीज के दामों सहित मजदूरी व इंधन की दरों के साथ-साथ रासायनिक खाद के दामों में भी वृद्धि हो रही है. जिसके चलते खेतीकिसानी में लागत मूल्य काफी अधिक बढ रहा है. वहीं उत्पादन होने और उपज से आय होने की कोई गारंटी नहीं है. जिसके चलते कॉटन बेल्ट रहनेवाले अमरावती जिले में कपास उत्पादकों की स्थिति दयनीय हो गई है. क्योंकि प्राकृतिक आपदा की वजह से प्रति वर्ष औसत उत्पादन में कमी आती है. बोंड इल्ली के लिए प्रतिबंधक जनुकीय घटक रहनेवाले बीजी-2 नामक कपास की प्रजाति में प्रतिबंधक शक्ति के घट जाने के चलते बीटी कपास पर गुलाबी इल्लीयों का हमला होता है. वहीं कई गांवों में अभी से ही एचटीबीटी बीज पहुंचने शुरु हो गए है और जालसाजी के मामले बढने लगे है. गुलाबी इल्लीयों से त्रस्त किसान अनाप-शनाप दामों पर एचटीबीटी प्रजाति के बीज खरीद रहे है. बारिश का मौसम शुरु होते ही विशिष्ट बीजों की कालाबाजारी लगभग हर साल ही होती है. जिसके चलते कृषि विभाग का नियोजन भी गडबडा रहा है.
* बीज के साथ ही खाद के दामों में हुई वृद्धि
इस जहां एक ओर बीजी-2 बीजों के दामों में प्रति पैकेट 37 रुपए की वृद्धि की गई है. वहीं दूसरी ओर रासायनिक खाद के दामों में भी वृद्धि होने की पूरी संभावना है. डीएपी के दाम में 150 रुपए प्रति बैग की वृद्धि प्रस्तावित रहते समय 10:26:26 खाद के दाम 255 से 275 रुपए तक बढा दिए गए है. साथ ही कीटनाशकों के दामों में भी 5 से 10 रुपए वृद्धि होने की चर्चा चल रही है.
* 54.33 लाख पैकेटों की खरीफ में मांग
सोयाबीन के दाम और उत्पादन में होनेवाली कमी को देखते हुए इस बार कपास के बुआई क्षेत्र में वृद्धि होने की संभावना है. अमरावती विभाग में करीब 10.60 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में कपास की बुआई प्रस्तावित है. जिसके चलते संभाग में इस बार बीजी-2 बीजों के करीबन 54.33 लाख पैकेटों की जरुरत पडेगी. जिसके तहत अमरावती जिले में 12 लाख 47 हजार 500, यवतमाल जिले में 24 लाख 54 हजार 990, अकोला जिले में 6 लाख 36 हजार 500, वाशिम जिले में 1 लाख 54 हजार 100 व बुलढाणा जिले में 9 लाख 39 हजार 955 पैकेटों की मांग की गई है.