अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले में एसीबी के 21 ट्रैप, 28 रिश्वतखोर धरे गये

अमरावती /दि.7– जारी वर्ष के दौरान विगत 11 माह से भष्ट्राचार प्रतिबंधक विभाग ने 21 ट्रैप सफलतापूर्वक पूर्ण किये. जिनमें 28 घूसखोरों को रिश्वत की रकम स्वीकारते हुए रंगेहाथ दबोचा गया और उनके खिलाफ रिश्वतखोरी को लेकर मामले दर्ज किये गये. इसके साथ ही इन 21 ट्रैप के अलावा अमरावती एसीबी ने इस वर्ष निम्नपेढी सिंचाई प्रकल्प में हुई आर्थिक गडबडी व अपहार को लेकर भी अपराधिक मामला दर्ज किया है. ÷
उल्लेखनीय है कि, कोई भी जिला, शहर व प्रशासकीय विभाग अब रिश्वतखोरी की बीमारी से अछूता नहीं है. जितने व्यक्ति, उतरी प्रवृत्ति की तर्ज पर रिश्वतखोरी की अलग-अलग वजहें भी सामने आयी है. जिसके तहत गटबीमा प्रस्ताव की नोटशीट तैयार करने, विनंती तबादला करने, प्रशिक्षण बिल मंजूर करने, सातबारा पर नाम चढाने, किसी योजना का लाभ देने, पुलिस थाना क्षेत्र में अवैध धंधे शुरु रखने देने, अपराध में जब वाहन को वापिस लौटाने, किसी चेक पर दस्तखत करने, काम का बिल जारी करने, फेरफार आदेश देने वारसा हक प्रमाणपत्र देने से लेकर लाडली बहन योजना के लिए उत्पन्न का दाखला देने के लिए रिश्वत मांगे जाने के मामले सामने आये है. यहां तक की एक पटवारी तो मात्र 40 रुपए की रिश्वत के लिए ट्रैप होकर निलंबित हुआ है.

* कौन-कौन धरा गया रिश्वतखोरी
जिप शिक्षा विभाग के कनिष्ठ सहायक, प्रभारी गट शिक्षाधिकारी, गट समन्वयक, कोतवाल, मंडल कृषि अधिकारी, पुलिस सिपाही, आबकारी विभाग का कर्मी, सरपंच, ग्रामसेवक, तहसीलदार, न्यायालयीन लिपिक, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग का विभागीय अधिकारी व कनिष्ठ अभियंता, 3 पटवारी, विभागीय कृषि सहसंचालक कार्यालय का वरिष्ठ लिपिक, समाज कल्याण कार्यालय का सहायक लेखाधिकारी, मुख्याध्यापक, महावितरण का कनिष्ठ अभियंता, ठेका ऑपरेटर, श्रेणी पुलिस उपनिरीक्षक, 2 पुलिस कॉन्स्टेबल व पीएचसी के दो कनिष्ठ सहायक रिश्वतखोरी के मामले में एसीबी द्वारा लगाये गये ट्रैप के चलते भरे गये है.

* 2.80 रुपयों की घूसखोरी
अमरावती जिले से में कुल 21 ट्रैप में रिश्वत लेने व मांगने की रकम 2 लाख 80 हजार 240 रुपए रही. इन सभी 21 मामलों को लेकर संबंधित पुलिस थानों में अपराध दर्ज किया गया है. जिसमें से 5 मामले फिलहाल जांच के अधीन है. वहीं कुछ मामलों में दोषारोप पत्र दाखिल किये गये है. कुछ मामलों को अभियोगपूर्व मंजूरी प्राप्त हुई है. जिसमें से कुछ मामले अभियोगपूर्व मंजूरी के लिए प्रलंबित है.

* अमरावती परिक्षेत्र के भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के पास आने वाली सभी शिकायतों का निवारण किया जाता है. दोषारोप पत्र दाखिल करने तथा अभियोगपूर्ण कामों की गति बढाने हेतु आवश्यक कदम उठाये जाते है. साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों सहित आम नागरिकों ने भी भ्रष्टाचार को रोकने हेतु सजग रहकर पहल करनी चाहिए. क्योंकि रिश्वत लेना व देना दोनों ही दंडनीय अपराध है.
– मारोती जगताप,
पुलिस अधीक्षक,
एसीबी, अमरावती परीक्षेत्र.

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