* 98 फीसद संक्रमण केवल असुरक्षित शारीरिक संबंध के चलते
अमरावती/दि.7 – सरकार इस स्तर पर विगत अनेक वर्षों से समाज में एचआईवी यानि एड्स की बीमारी को लेकर जनजागृति की जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी जिले में एचआईवी संक्रमित मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हुआ. विगत 8 माह के दौरान ही अमरावती जिले में एचआईवी के 219 नये संक्रमित मरीज पाए गए है. जिसमें से 75 फीसद मरीज 25 से 50 वर्ष आयु गुट के जहां एक ओर इससे पहले एचआईवी संक्रमित पाए गए मरीजों की संख्या को घटाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं अब नये एचआईवी संक्रमितों की संख्या को भी कम करने की चुनौती स्वास्थ्य विभाग के सामने है. जिला एड्स प्रतिबंधात्मक कार्यालय द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक नये संक्रमित पाए जाने की सबसे प्रमुख वजह असुरक्षित शारीरिक संबंध रहना है.
बता दें कि, एचआईवी का संक्रमण मुख्य रुप से चार माध्यमों के जरिए होता है. जिसके तहत एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला द्बारा जन्म लिए जाने वाले बच्चें, असुरक्षित शारीरिक संबंध, दुषित रक्त अथवा दुषित रक्त चलाए जाने अथवा दुषित सिरिंज या निडल के शरीर में जाने की वजह से एचआईवी का संक्रमण होता है. ऐसे में इस बीमारी को लेकर जनजागृति करने हेतु स्थानीय स्तर पर जिला एड्स नियंत्रण कार्यालय एवं स्वास्थ्य विभाग द्बारा लगातार मार्गदर्शन किया जाता है. लेकिन इसके बावजूद भी एड्स की बीमारी को समुल रुप से नष्ट नहीं किया जा सका.
जानकारी के मुताबिक जारी वर्ष में 1 अप्रैल से 30 नवंबर तक 8 माह के दौरान जिले में 1 लाख 26 हजार 800 लोगों की एचआईवी जांच की गई. जिसमें से 43 हजार 903 पुरुषों की जांच करने पर 138 पुरुष संक्रमित पाए गए. वहीं 35 हजार 930 महिलाओं की जांच किए जाने पर 81 संक्रमित पाए गए. इस तरह से इन 8 माह के दौरान कुल 219 संक्रमित पाए गए है. विशेष उल्लेखनीय है कि, इसी दौरान 59,640 गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच किए जाने पर उनमें से 6 गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटीव आई है. जिनका आवश्यक इलाज जारी है.
* जिले में 6876 एचआईवी बाधित
जिले में इस समय कुल 6,876 एचआईवी संक्रमित है. जिनमें 3,988 पुरुषों व 2,862 स्त्रियों का समावेश है. इससे पहले 6,042 मरीजों का औषधोपचार शुरु किया गया है. जिसमें से इस समय 3,839 मरीज नियमित रुप से अपना इलाज करा रहे है. वहीं इलाज नहीं कराने वाले 2,203 मरीजों में से कुछ मरीज अमरावती जिला छोडकर अन्य शहरों में चले गए है और वहां इलाज करा रहे है. साथ ही इनमें से कुछ मरीजों की विगत कुछ वर्षों के दौरान मौत हो चुकी है.
* दुषित रक्त, सिरिंज व निडल से संक्रमण का प्रमाण अत्यल्प
जिले में अब तक दुषित रक्त, सिरिंज या निडल के जरिए एचआईवी संक्रमण होने का एक भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं एचआईवी संक्रमित गर्भवती माता से बच्चें में एचआईवी संक्रमण होने का प्रमाण भी बेहद अत्यल्प है. विगत 2 वर्ष के दौरान सामने आए नये संक्रमितों में ऐसा एक भी बच्चा नहीं पाया गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, जिले में सर्वाधिक 98 फीसद एचआईवी संक्रमण केवल असुरक्षित शारीरिक संबंधों की वजह से ही हुआ है.
* शहर में जल्द ही दूसरा एआरटी केंद्र
एचआईवी संक्रमितों का प्रतिशत प्रतिवर्ष कम हो रहा है. लेकिन कुछ नये मरीज सामने आ रहे है. एचआईवी संक्रमितों का समुपदेशन करने हेतु इर्विन अस्पताल में एआरटी केंद्र कार्यरत है और जल्द ही पीडीएमसी में भी दूसरा एआरटी केंद्र शुरु किया जाएगा. संक्रमितों को नियमित औषधोपचार मिले. इस हेतु जिले में 8 लिंक एआरटी केंद्र कार्यरत है. एचआईवी को रोकने हेतु हर एक व्यक्ति को सुरक्षितता का अवलंब करना चाहिए, इस हेतु व्यापक जनजागृति की जा रही है.
– अजय साखरे,
जिला कार्यक्रम अधिकारी,
जिला एड्स प्रतिबंध व नियंत्रण कक्ष.
* जिले में 6 वर्ष दौरान जांच व नये मरीजों की स्थिति
वर्ष जांच नये संक्रमित
2017-18 1,30,255 388
2018-19 1,46,376 328
2019-20 1,69,185 390
2020-21 98,644 180
2021-22 1,36,189 246
नवंबर (22 तक) 1,26,800 219