अमरावती

मेलघाट में एक माह दौरान 22 बच्चों की मौत

261 बच्चे हैं तीव्र कुपोषित

कुपोषण से आज भी जूझ रहा मेलघाट
अजीत पवार का दौरा रहने के चलते सभी अधिकारी मेलघाट में
अमरावती- दि.20 जिले का आदिवासी बहुल मेलघाट में ढाई दशको से कुपोषण की समस्या बनी हुई है. जिसके चलते नवजातों व छोटी आयु वाले बच्चों की मौतों से माता मृत्यु का दौर लगातार चल रहा है. इस समस्या से निपटने और इसे खत्म करने हेतु विगत 22-25 वर्ष के दौरान सरकारी एवं प्रशासनिक स्तर पर बहुतेरे प्रयास करने के साथ-साथ कई तरह के दावे किए जा चुके है. लेकिन इसके बावजूद मेलघाट में कुपोषण खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. अकेले विगत जुलाई माह के दौरान मेलघाट में कुपोषण की वजह से 22 बच्चों की मौत हुई है. वहीं इस समय 261 बच्चे कुपोषण की तीव्र श्रेणी में है. साथ ही इस समय मेलघाट में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत पद रिक्त पडे है. जिसके चलते स्थिति को संभालने की कोई सही व सटिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं. इन्ही सब के बीच विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आज मेलघाट के दौरे पर पहुंचे. मेलघाट क्षेत्र के अपने ही पहले दौरे के तहत अजीत पवार द्बारा बाढ व बारिश की वजह से खेती किसानी को हुए नुकसान के साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का मुआयना भी करेंगे. ऐसे में जिला प्रशासन के तमाम आला अधिकारी शुक्रवार से ही धारणी पहुंचकर अपना ठिया लगा चुके है. बाकी सब कुछ ‘ऑल वेल’ दिखाया जा सके.
जानकारी के मुताबिक धारणी व चिखलदरा इन दो तहसीलों में अप्रैल,मई व जून माह के दौरान कुल 52 बच्चों की मौत हुई है. जिसमें से अकेले जुलाई माह के दौरान ही 22 कुपोषित बच्चों की विविध बीमारियों के चलते मौत हुई. वहीं एक माह के दौरान मेलघाट क्षेत्र में 458 बच्चों का जन्म हुआ.
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एक दिन पहले ही कलमखार पहुंचे अधिकारी
राज्य के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार का मेलघाट दौरा तय होते ही जिला स्तर के कई विभागों के प्रमुख अधिकारी शुक्रवार की सुबह ही मेलघाट विशेष तौर पर कलमखार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंच गये. अजीत पवार द्बारा इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को भेंट दी जानी है. भेट दी जाने के बाद मद्देनजर अधिकारियों द्बारा सुबह से ही यहां दवाईयों के स्टॉक और अन्य सभी बातों को ‘अपटूडेट’ किया जा रहा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में स्थित 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो तथा ग्रामीण व उपजिला अस्पतालों को भी अलर्ट पर रहने का आदेश जारी किया है. इसके अलावा बालविकास विभाग में सभी आंगणवाडी सेविका को अपने-अपने आंगणवाडी केन्द्रों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के आदेश दिए है.
जुलाई माह के दौरान 7 नवजात बच्चों के साथ ही शून्य से 6 वर्ष की आयुगुट वाले 15 ऐसे कुल 22 बच्चों की मौत हुई है. गत वर्ष की तुलना में इस बार यह आंकडे काफी कम है. इसे और भी कम करने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट है.
डॉ. दिलीप रणमले,
डीएचओ, अमरावती

कुपोषित बच्चों के आंकडों में हेराफेरी
विगत माह के दौरान स्वास्थय विभाग द्बारा किए गये सर्वेक्षण में तीव्र कुपोषित बच्चों की संख्या 409 थी. वही तीन माह के दौरान 52 कुपोषित बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया था. इसके बाद एक माह के दौरान कुपोषित बच्चों की संख्या अचानक ही घट गई और यह आंकडा 409 से घटकर 261 पर आ गया. हालांकि यहां पर इस तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती थी. तीव्र कुपोषित बच्चों को 28 दिनों तक पौष्टिक आहार देकर उनके वजन के आधार पर कुपोषण की श्रेणी तय की जा चुकी है.
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कलमखार, टेब्रुसोंडा व साद्रावाडी में तीव्र कुपोषित
स्वास्थ्य केन्द्र निहाय सर्वाधिक तीव्र कुपोषित बच्चे कलमखार, टेब्रुसोंडा व साद्रावाडी में पाए जाते है. जिसके तहत टेब्रसोंडा में 37,कलमखार व साद्रावाडी में 33-33, काटकुंभ में 31, हरिसाल में 29, बैरागढ में 27, बीजूधावडी में 17, धुलघाट रेल्वे व सेमाडोह में 12-12, सलोना में 19, हतरू में 11 ऐसे कुल 261 बच्चे तीव्र कुपोषित है. वही 2206 बच्चे मध्यम कुपोषित पाए गये है.

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