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स्वाधीनता दिवस पर छोडे गए जेल से 22 कैदी

सजा माफी के बाद मिली आजादी

* कारागृह लेने पहुंचे परिजन व रिश्तेदार
अमरावती/दि.15 – आजादी का अमृत महोत्सव के तहत केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विशेष माफी की योजना के तहत स्वाधीनता दिवस के अवसर पर आज नियम व शर्तो पर अमरावती मध्यवर्ती कारागृह से 22 कैदियों को उनकी शेष सजा माफ कर अच्छे बर्ताव के चलते रिहा कर दिया गया. इस मौके पर रिहा हुए इन कैदियों को कारागृह के बाहर लेने के लिए उनके परिजन व रिश्तेदार पहुंचे थे.
केंद्र सरकार द्वारा देश की आजादी के 75वें वर्धापन दिवस का औचित्य साधते हुए समूचे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियम व शर्तो पर कारागृह में विविध प्रकरणो में सजा काट रहे कुछ कैदियों की सजा माफ करने और उन्हें जेल से रिहा करने का निर्णय लिया गया है. वैसे भी हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी के अवसर पर सजा भुगतने वाले जिन कैदियों का बर्ताव अच्छा रहता है उनकी बची हुई सजा माफ करने के लिए प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास भेजा जाता है. मंजूरी मिलने पर उन्हें रिहा किया जाता है. अमरावती मध्यवर्ती कारागृह से ऐसे 24 कैदियों का प्रस्ताव भेजा गया था. उन्हें जेल से रिहा करने की मंजूरी मिलने के बाद स्वाधीनता दिवस के अवसर पर दोपहर 1 बजे रिहा किया गया. इन सभी कैदियों को सुबह 10.30 बजे रिहा करने की जानकारी थी, लेकिन आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद उन्हें दोपहर 1 बजे छोडा गया. छोडे गए कैदी हत्या, हत्या का प्रयास, जालसाजी, मारपीट और सदोष मनुष्य वध प्रकरण में सजा काट रहे थे. इनमें अकोला निवासी रवींद्र जनार्दन माली, विठ्ठल सुभाष काले, शहर के माताखिडकी गांधी आश्रम निवासी मुकेश सुधाकर तायडे, मुंबई के बदलापुर निवासी बाबुराव चव्हाण, सातारा निवासी प्रितम अहीरकर, दर्यापुर निवासी जीवन गणाजी सोनोने, धामणगांव रेलवे निवासी सचिन जगताप, अमरावती के फ्रेजरपुर निवासी नरेंद्र कैलास वानखडे, कैलासनगर निवासी स्वप्नील गेडाम, आतीक और रेखा भालेराव नामक महिला का समावेश है. जबकि दो अन्य कैदी फिलहाल पैरोल पर बाहर थे. उनकी भी अच्छे बर्ताव के कारण अन्य सजा माफ की गई है.

रिहाई के समय गुलाब के फूल दिए गए
अमरावती कारागृह प्रशासन ने जेल से रिहा हुए इन 22 कैदियों को समाज में सम्मानित नागरिक के तौर पर अपना जीवन व्यतित करने का अवसर पर उपलब्ध करने पर आवश्यक सूचनाए दी और गुलाब का फूल देकर अच्छे कार्य करने की शुभेच्छा दी.

कैदी ने जेल में बीए और योगा की डिग्री ली
मुंबई के बदलापुर निवासी बाबुराव चव्हाण नामक कैदी को हत्याकांड प्रकरण में उम्रकैद की सजा मिली थी. उन्होंने अनेक वर्ष जेल में बिताए. लेकिन 56 वर्षीय इस कैदी ने सजा भुगतने के दौरान योगा की डिग्री के साथ बीए की पढ़ाई पूर्ण की. आज रिहाई के अवसर पर उनकी पत्नी मुंबई से उन्हें लेने के लिए अमरावती पहुंची थी.

कोरोनाकाल में दो वर्ष थे बाहर
सूत्रों के मुताबिक कोरोनाकाल में आज सजा माफ होने के बाद रिहा हुए अधिकांश कैदियों को छोडा गया था. वें दो वर्ष से अधिक समय तक बाहर थे. लेकिन पश्चात आदेश मिलते ही वापस कारागृह लौट आए थे.

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