जिले की 22 हजार लाडली बहने साबित हुई अपात्र
चुनाव से पहले मिला सीधा लाभ, अब मानक लागू

अमरावती /दि. 7– अब विधानसभा चुनाव से पहले लाभार्थी के तौर पर पात्र ठहराई गई लाडली बहनों के प्रस्तावों की दुबारा जांच पूरी हो चुकी है और इस जांच में जिले की 22 हजार 67 लाडली बहनों को अलग-अलग कारणों के चलते इस योजना से लाभ हेतु अपात्र ठहराया गया है. जिन्हें उससे पहले दी गई अनुदान की रकम को वापिस नहीं लिया जाएगा परंतु अब फरवरी 2025 से उनके अनुदान को रोक दिया जाएगा.
बता दें कि, जिले में 7 लाख 20 हजार 603 महिलाओं ने इस योजना हेतु अपना पंजीयन किया था. जिसमें से 6 लाख 98 हजार 536 महिलाएं इस योजना के लिए पात्र साबित हुई थी. उसी दौरान विधानसभा चुनाव पश्चात नई सरकार का गठन होने पर सभी प्रस्तावों की दुबारा जांच करनी शुरु की गई और अब तय मानक के लिहाज से पात्र नहीं रहनेवाली महिलाओं के उस वक्त किए गए ऑनलाइन आवेदनों को रद्द किया जा रहा है. जिसके तहत अब तक 22 हजार 67 महिलाओं के आवेदन विविध कारणों के चलते अपात्र ठहराए जा चुके है. जिनसे अब तक प्रदान की गई रकम की वसूली नहीं की जाएगी. लेकिन उन्हें अब फरवरी 2025 से अनुदान भी नहीं मिलेगा.
* 35 महिलाओं ने खुद होकर छोडा लाभ
जिले की 35 महिलाओं ने खुद होकर मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना का लाभ छोड दिया है और इससे संबंधित पत्र संबंधित तहसील के महिला व बालविकास अधिकारी को सौंपा है. जिसके चलते यह महिलाएं खुद ही इस योजना के लाभ से बाहर हो गई है.
– लाडली बहन योजना हेतु तय किए मानकों के अनुसार प्राप्त आवेदनों की पडताल की जाएगी. जिसके चलते योजना के लाभ हेतु अपात्र रहने के बावजूद आवेदन दायर करनेवाली महिलाओं में संभावित कार्रवाई को लेकर डर था. जिसके चलते ऐसी महिलाओं ने खुद ही अपने आप को इस योजना से बाहर कर लिया.
* कब मिलेगा 2100 रुपए का लाभ
लाडली बहन योजना के तहत दिए जा रहे 1500 रुपए प्रति माह के अनुदान को बढाकर 2100 रुपए करने की घोषणा महायुति द्वारा विधानसभा चुनाव दौरान की गई थी. चुनाव पश्चात राज्य में महायुति की सरकार बन गई है. ऐसे में अब 2100 रुपए प्रति माह का अनुदान कब से मिलेगा, इसकी प्रतीक्षा लाडली बहनों द्वारा की जा रही है. साथ ही संदेह जताया जा रहा है कि, कहीं यह महज एक चुनावी फंडा तो नहीं था. वहीं दूसरी ओर कई महिलाओं को उनका नाम योजना से रद्द किए जाने से संबंधित मेसेज आने शुरु हो गए. जिसे लेकर महिलाओं में अच्छी-खासी नाराजगी भी देखी जा रही है.