आरटीई की 22,411 सीटें, आवेदन मिले केवल 1,421
प्रवेश प्रक्रिया में हुए बदलाव की वजह से अभिभावको ने दिखाई पीठ

अमरावती/दि. 2 – शालेय शिक्षा विभाग द्वारा इस वर्ष शिक्षा अधिकार अधिनियम यानि आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया में किए गए बदलाओं की वजह से अभिभावको ने इस प्रवेश प्रक्रिया को अपनी पीठ दिखा दी है. जिले की 1,998 शालाओ में आरटीई के तहत 22,411 सीटे है. लेकिन अब तक केवल 1,421 विद्यार्थियों के ही प्रवेश हेतु ऑनलाईन पद्धती से आवेदन प्राप्त हुए है. जिसके चलते इस बार आरटीई प्रवेश की सीटे बडे पैमाने पर रिक्त पडी रहने की संभावना है. इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने आवेदन करने हेतु 10 मई तक समयावृद्धि दी है.
बता दे कि, आरटीई प्रवेश हेतु विगत 16 अप्रैल से आवेदन पंजीयन की प्रक्रिया शुरु की और आवेदन करने की अंतिम तिथी 30 अप्रैल थी. परंतु आरटीई प्रवेश प्रक्रिया से निजी बिना अनुदानित शालाओं विशेष कर अंग्रेजी माध्यमवाली शालाओं को अलग रखे जाने के चलते कई अभिभावको ने आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया से मुंह मोड लिया. जिसके चलते 22 हजार 411 सीटे रहने के बावजूद आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया हेतु केवल 1,421 आवेदन ही प्राप्त हुए. उल्लेखनीय है कि, दो माह के विलंब से शुरु हुई आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया शुरुआत से ही विवादो में घिरी नजर आई. अभिभावको द्वारा अपने बच्चो का प्रवेश तय करने हेतु अपने निवासस्थान से एक किमी के दायरे में रहनेवाली सरकारी व अनुदानित शालाओं को ही पहला प्राधान्य देना पड रहा है. साथ ही आवेदन प्रक्रिया में भी नामांकित शालाओं का चयन करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते आवेदन व पंजीयन को लेकर अभिभावको में काफी हद तक निरुत्साह दिखाई दे रहा है. जबकि पिछले शैक्षणिक सत्र तक अभिभावको द्वारा आरटीई प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन करने के लिए जबरदस्त प्रतिसाद मिला करता था और उपलब्ध सीटो की तुलना में प्राप्त आवेदनो की संख्या अधिक रहने के चलते प्रत्यक्ष प्रवेश लेते समय शिक्षा विभाग को कई चुनौतियों का सामना करना पडता था. जिसके चलते लॉटरी पद्धति से विद्यार्थियों का चयन किया जाता था. परंतु इस बार ऑनलाईन आवेदन को बेहद अत्यल्प प्रतिसाद मिला है और उपलब्ध सीटो की तुलना में बेहद कम आवेदन प्राप्त हुए है. इसके चलते लॉटरी पद्धति बंद होने की पूरी संभावना है.