अमरावती/दि.14 – इस समय पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीजों के मामले में भारत दुसरे स्थान पर है और यह बीमारी सभी आयु वर्ग के लोगों में बडी तेजी से फैल रही है. विशेष उल्लेखनीय है कि, डायबिटीज को सभी तरह की बीमारियों का मायका या अड्डा कहा जाता है. ऐसे में इस बीमारी का लगातार फैसला दायरा अपने आपमें बेहद चिंतनीय कहा जा सकता है.
राष्ट्रीय कर्करोग, मधुमेह, हृदयरोग व पक्षाघात प्रतिबंधक व नियंत्रण कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार अमरावती जिले में 1 अप्रैल से 31 अक्तूबर इन 6 माह के दौरान 3,442 डायबिटीज संदेहित मरीज सामने आये. जिसमें से 2,246 मरीज डायबिटीज पॉझिटीव रहे. इनमें 1,176 पुरुषों तथा 1,070 महिलाओं का समावेश रहा. तेजी से फैल रही डायबिटीज की बीमारी व नियंत्रण पाने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन द्बारा प्रति वर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है और इस वर्ष ‘मधुमेह से सुरक्षा हेतु शिक्षा’ यह संकल्पना सामने रखी गई है.
* यह है डायबिटीज के लक्षण
मधुमेह की बीमारी के प्राथमिक लक्षणों में बार-बार भुख लगना, बार-बार पेशाब आना, प्यास लगना, वजन अचानक कम होना, जख्म के लंबे समय तक ठीक नहीं होना जैसे लक्षणों का समावेश है. ऐसे में इस तरह के लक्षण दिखाई देते ही रक्त शर्करा की जांच करना बेहद जरुरी होता है. इन दिनों अनियंत्रित डायबिटीज का प्रमाण दिनोंदिन बढ रहा है. ऐसे में डॉक्टरों की सलाह के अनुसार औषोधोपचार करना बेहद जरुरी है.
* मधुमेह के दो चरण
डायबिटीज की बीमारी की 2 अवस्थाएं होती है. जिसमें से एक बाल मधुमेह होता है, वहीं दूसरा प्रौढ अवस्था वाला मधुमेह होता है. बाल मधुमेह को इन्सुलिन इंजेक्शन नामक दवाई तथा नियंत्रित आहार, व्यायाम व तनाव मुक्त जीवनशैली के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है. वहीं प्रौढ अवस्था वाले मधुमेह को नियंत्रित करने हेतु नियंत्रित आहार नियमित व्यायाम व तनाव मुक्त जीवनशैली के साथ-साथ कई तरह की ओरल दवाईयों की जरुरत पडती है.
* सभी बीमारियों का घर हैं डायबिटीज
डायबिटीज के संदर्भ में हर एक का जागरुक व शिक्षित होना जरुरी है. अनियंत्रित डायबिटीज की वजह से नेत्रविकार, हृदयविकार, मुत्रपिंड विकार, रक्तदाब, पक्षाघात, न्यूरोपैथी व ग्राबरीन जैसी विभिन्न तरह की गंभीर बीमारियां होने की संभावना होती है. एक बार डायबिटीज की बीमारी होने के बाद उसे कभी भी समूल खत्म या नष्ट नहीं किया जा सकता. बल्कि उसे नियंत्रित ही रखा जा सकता है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, डायबिटीज न हो, इसके लिए पहले से जागरुक व सचेत रहा जाये.
* डायबिटीज टालने क्या करें
डायबिटीज कभी भी न हो, इसके लिए रोजाना नियमित तौर पर व्यायाम करना जरुरी है. जिसके तहत रोज कम से कम 30 मीनट तक लंबे डग भरते हुए पैदल चले. साथ ही मद्यपान व तंबाखू का सेवन टाले. स्वास्थ्यदायी और पोषणात्मक आदतें डाले. मर्यादा से अधिक वजन न बढे. इस बात का ख्याल रखें. ताकि डायबिटीज की बीमारी न हो पाये.
* 30 की आयु पार व्यक्ति रखें विशेष ध्यान
10 वर्ष पूर्व मधुमेह का बीमारी विशिष्ट आयु वर्ग के लोगों में ही हुआ करती थी. खार तौर पर आरामदायक जीवन जिने वाले और शारिरीक गतिविधियां कम करने वाले लोगों में यह बीमारी हुआ करती थी. परंतु मौजूदा दौर में बदलती जीवनशैली के साथ ही वाहनों के अतिरिक्त प्रयोग, अनियंत्रित आहार एवं व्यायाम के अभाव की वजह से 25 से 30 वर्ष की आयु पार करने वाले युवाओं में भी मधुमेह का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. ऐसे में अब सभी आयु वर्ग के लोगों ने आपने आप इस बीमारी से बचाए रखने हेतु विशेष ध्यान देना चाहिए.