अमरावती – दि.27 जिला स्त्री अस्पताल डफरीन के शिशु अतिदक्षता विभाग दिन-रात सेवा में जुटा है. गत एक वर्ष में 2258 शिशुओं को उपचार कर जीवनदान दिया गया है. निजी अस्पताल में 10 हजार रुपए में लगने वाला इंजेक्शन यहां बिल्कुल नि:शुल्क दिया जाता है. यह जानकारी वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. विद्या वाठोडकर ने दी. उन्होंने बताया कि, आवश्यकता पडने पर शिशुओं की जान बचाने अन्य शहरों के अस्पतालों मेें रेफर किया जाता है. उसका खर्च भी डफरीन अस्पताल वहन करता है.
रोज 40 शिशु का इलाज
जिला स्त्री अस्पताल में 2013 से एसएनसीयु न्यू बॉर्न केअर यूनिट कार्यरत है. जिसमें 27 अद्यतन बेड है. इसमें भरती मरीज को काफी सुविधा मिलती है. मशीनी उपकरण लगे है. कम वजन व प्रीमैच्युअर नवजात बच्चों को यहां जीवनदान मिल जाता है. यूनिट में रोज 40-45 शिशु का उपचार होता है. पिछले वर्ष 108 अत्यंत गंभीर हो गये शिशु का सफल इलाज किया गया. कुछ बच्चे तो महज 800-900 ग्रॉम के थे.
सफँक्टंट इंजेक्शन
प्रीमैच्युअर और अल्पवजन के 36 शिशुओं को सफँक्टंट इंजेक्शन लगाने पडे. इस इंजेक्शन की निजी अस्पताल में कीमत 10 हजार रुपए होती है. डफरीन में आने वाले बच्चों को यह नि:शुल्क दिये जाते है. जिला शल्सचिकित्सक डॉ. दिलीप सौदले के मार्गदर्शन मेें एस.एन.सी.यू. कार्यरत है.
टीम में निष्णांत चिकित्सक
जिला अस्पताल की शिशु उपचार यूनिट में अनेक निष्णांत डॉक्टरों का समावेश है. वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. विद्या वाठोडकर, निवासी वैद्यकीय अधिकारी डॉ. तलत खान, डॉ. भरत गोयल, बालरोग तज्ञ डॉ. नितीन बरडिया, डॉ. चेतन चव्हाण, डॉ. विजया जायदे, डॉ. आमोल फाले, डॉ. अमोल अवघड, डॉ. सुरज राठी, डॉ. सउद अंसारी, डॉ. स्वप्निल पाटील, डॉ. सचिन इंगोले, डॉ. अनिकेत तिलके, डॉ. पल्लवी भड सेवारत है.
ह्यूमन मिल्क बैंक
स्त्री अस्पताल में ह्यूमन मिल्क बैंक की भी सुविधा दी जाती है. जिन माताओं को दुध की कमी है और जिन शिशुओं को मां के दुध की आवश्यकता होती है. ऐसे शिशु को ह्यूमन मिल्क बैंक से निरजंतुक दुध उपलब्ध किया जाता है. इससे भी अनेक बच्चों के प्राणों की रक्षा हुई है. गोल्डन मिनिट्स के माध्यम से बालरोगतज्ञ बच्चों की माताओं को मार्गदर्शन करते है.