अमरावती

ग्रामपंचायत के 2,296 प्रत्याशियों पर अपात्रता का खतरा

जिलाधिकारी ने थमाया नोटीस

  • चुनाव खर्च का हिसाब प्रस्तुत न करना महंगा पडेगा

  • छह वर्ष चुनावी मैदान से बाहर

अमरावती/दि.28 – ग्रामपंचायत के चुनाव के पश्चात प्रत्याशियों को चुनाव खर्च का लेखाजोखा प्रस्तुत न करना महंगा पडेगा, 2,296 प्रत्याशियों को अपात्र क्यों न घोषित किया जाए, इस बारे में जिला चुनाव विभाग ने नोटीस जारी किया है. सुनवाई के दौरान प्रत्याशियों से उचित जवाब नहीं मिलने पर उन्हें अपात्र घोषित किया जाएगा, इसके अलावा वे प्रत्याशी छह वर्ष तक चुनाव नहीं लड पायेंगे.
ग्रामपंचायत चुनाव में प्रत्याशी विजयी हो या हार जाए, दोनों ही स्थिति में एक माह के अंदर प्रत्याशियों को चुनावी खर्च का हिसाब देना पडता है. इस चुनाव में 25 हजार रुपए खर्च की मर्यादा रखी गई थी. प्रत्याशी ने आवेदन भरा उस दिन से चुनाव का खर्च शुरु हो जाता है, मगर इस ओर जीतने वाले की बजाय हारने वाले व निर्विरोध चुनकर आये प्रत्याशी ध्यान नहीं देते. यहीं लापरवाही करीब 2,296 प्रत्याशियों को महंगी पडेगी. कोरोना संक्रमण काल में इसे देरी हुई ऐसा प्रशासन ने बताया, मगर अब सुनवाई शुरु हुई है. जिले में 15 जनवरी 2021 को करीब 553 ग्रामपंचायत के चुनाव हुए थे. इसमें 10,977 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे. अपात्र प्रत्याशी 6 वर्ष ग्रामपंचातय चुनाव लडने के लिए अपात्र होता है, फिर भी अन्य चुनाव लड सकता है, ऐसी जानकारी जिला चुनाव विभाग से प्राप्त हुई है.

खर्च प्रस्तुत न करने वाले प्रत्याशी

तिवसा तहसील में 146, चांदूर बाजार 115, अमरावती 154, भातकुली 139, नांदगांव खंडेश्वर 147, चिखलदरा 191, धारण 350, दर्यापुर 48, अचलपुर 129, धामणगांव रेलवे 200, चांदूर रेलवे 81, मोर्शी 237 व वरुड तहसील में 274 प्रत्याशियों ने चुनावी खर्च प्रस्तुत नहीं किया.

जिलाधिकारी को अधिकार

19 नवंबर 2010 के राजपत्रानुसार इस बारे में जिलाधिकारी को विशेष अधिकार दिया गया है. निर्धारित समयावधि में चुनावी खर्च प्रस्तुत नहीं करने पर संबंधित तहसीलदार व्दारा जिलाधिकारी को जानकारी दी जाती है. इसके बाद जिलाधिकारी उनसे लिखित जवाब मांगते है. यह जबाब मान्य न हो या प्रत्याशी ने नहीं दिया तब उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

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