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23 घाटों की नहीं हुई नीलामी

रेत के लिए पुरानी नीति अपनाई जायेगी

* अभाव में अधूरे पडे हैं आवास
* 44 रेत घाट अभी भी पडे हैं बंद
अमरावती/ दि. 6- राज्य शासन की बालू नीति फंसने के बाद एक ओर जहां जिले में 44 रेत घाट बंद पडे हैं. वहीं 23 घाट ऐसे है जहां रेत की नीलामी हुई ही नहीं. दूसरी ओर शासकीय आवास योजना सहित निजी प्रकल्प भी रेत के अभाव में अधूरे पडे हैं. इस बीच अमरावती के खनन अधिकारी र्डॉ. इमरान शेख ने बताया कि रेत नीलामी के बारे में अति शीघ्र नई नीति घोषित होने जा रही है. जिसके बाद रेत की कहीं दिक्कत नहीं आयेगी.
उल्लेखनीय है कि शासन ने पिछले वर्ष पहलीबार नई नीति अपनाते हुए रेत डेपो शुरू किए थे. किंतु इस प्रक्रिया से भी रेत की खरीदी -विक्री में दिक्कतें आ रही थी. सरकार की यह प्रक्रिया पेचिदा मानी गई. इसी कारण पिछले वर्ष 44 घाट में से केवल 21 घाटों पर ही रेत के डेपो जिला प्रशासन शुरू कर पाया था. अन्य स्थानों पर नई नीति को रिस्पॉन्स नहीं मिला.
पुराना नीलामी का धोरण
ऐसे में इस बार बारिश से पहले सरकार नई नीति घोषित करने जा रही है. जिसके बारे में लोगों से आपत्तियां मंगाई गई थी. वह प्रक्रिया प्रशासन स्तर पर पूर्ण हो गई है. अमरावती से सरकार की नई रेत नीति के बारे में संबंधितों के सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा देने की जानकारी हैं. शीघ्र नई नीति अपनाई जाने की संभावना बताते हुए कहा गया कि नीलामी का पुराना धोरण अपनाया जा सकता हैं. सरकार ने 600 रूपए प्रति ब्रास के हिसाब से रेत उपलब्ध करवाने नीति निर्धारित की थी. उसमें रेत डेपो के ठेकेदारो की ओर से प्रतिसाद नहीं मिलने की बात देखी गई. पिछले वर्ष में 21 डेपो प्रशासन शुरू कर पाया. जबकि कहा जा रहा था कि डेपो से प्रति ब्रास 600 रूपए रेत उपलब्ध हो रही थी.

* क्या कहा खनन अधिकारी ने
जिला खनन अधिकारी डॉ. इमरान शेख ने बताया कि सरकार ने नई नीति के लिए पिछले सप्ताह बैठक लेकर प्रारूप सभी जिलाधीश और कार्यालयों को भेजा है. इस प्रारूप पर सुझाव और आपत्तियां मंगाई गई थी. उसकी प्रक्रिया पूर्ण की गई है. जल्द ही नई नीति घोषित होने की अपेक्षा डॉ. शेख ने व्यक्त की. बारिश से पहले आवासों के लिए रेत उपलब्ध होने की संभावना हैं.

 

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