* मजीप्रा ने लगाई 20 टीमें
* शहरवासियों पर करोडों का बकाया
अमरावती/ दि.5 – सरकार बिजली कंपनी के अनेक कामों को निजी हाथों में सौंप रही है. इसके विरोध में महावितरण ने तीन दिनों की हडताल शुरु कर दी थी. ऐसे ही मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने भी अपनी पानी बिलों की वसूली के लिए निजी एजेंसी अमरावती शहर में मुकरर की है. पिछले माह से इस एजेंसी की 20 टीमों ने शहर में वसूली अभियान छेड दिया. मजीप्रा के एक अभियंता ने आज दोपहर अमरावती मंडल से बातचीत में एजेंसी नियुक्त करने की पुष्टि की तथा बतलाया कि, इस वर्ष अब तक 23 करोड रुपए का पानी बिल वसूली हो चुकी है. जल्द ही और भी वसूली होगी.
* शहर में 95,708 कनेक्शन
अभियंता ने बताया कि, अमरावती शहर में घरेलू और व्यावसायिक मिलाकर करीब 95,708 मजीप्रा के उपभोक्ता है. पानी बिल की वसूली अनेक वर्षों से प्रलंबित है. इसके लिए उपभोक्ताओं को बार-बार सूचना देने पर भी भुगतान को लेकर अधिकांश लोग उदासीन रहते है. मजीप्रा के पास मनुष्यबल नहीं है कि, वसूली पूरी तरह हो सके. अनेक वर्षों से पानीपट्टी की वसूली नहीं होने से मजीप्रा पर बिजली कंपनी का बिल भुगतान का भी संकट आ गया था. जिसके कारण एजेंसी को नियुक्त किया गया है.
* दैनिक वेतन पर रखा
मजीप्रा अभियंता ने स्पष्ट कर दिया कि, कोई वसूली आधारित प्रतिशत तय नहीं किया गया है. मजीप्रा ने सहायक के रुप में 20 टीमों को रखा है. उसमें करीब 40 युवा है. उन्हें मजीप्रा दैनिक रुप से वेतन अदा कर रहा है. हालांकि वेतन का खुलासा अधिकारियों ने नहीं किया. यह जरुर बताया गया कि, अमरावती के लोगों और संस्थाओं पर लगभग 212 करोड रुपए बकाया है. अभियंता ने बताया कि, अभय योजना भी चलाई जा रही है. जिसमें ग्राहकों का विलंब शुल्क और ब्याज माफ कर एकमुस्त रकम भरने के लिए कहा गया है.
* मनपा बडी बकायादार
शहर के अनेक अस्पताल, संस्थाओं पर मजीप्रा के बिल बकाया है. सबसे बडा 63 करोड का बकाया महानगरपालिका पर है. सूत्रों की माने तो मनपा उसे मजीप्रा व्दारा उपलब्ध करवाये जा रहे पानी हेतु लग रहे बिजली बिल का भी भुगतान नहीं कर रही. मनपा पर मूल राशि के अलावा 73 करोड रुपए ब्याज या कह लीजिए जुर्माना बाकी है.