अमरावती के महेंद्री समेत राज्य में 23 संवर्धन आरक्षित, 5 अभयारण्य की घोषणा
महेंद्री अभयारण्य सवंर्धन आरक्षित क्षेत्र में
अमरावती/दि.15- राज्य में विगत ढाई वर्ष में 1750.63 चौरस किलो मिटर के 23 नये संवर्धन आरक्षित, 647.1294 चौरस किलो मिटर के 5 नये अभयारण्य व 85.89 हेक्टेअर क्षेत्र के 4 जैव विविधता वारसा स्थलों की निर्मिति की गई है. इस माध्यम से राज्य के संरक्षित वन क्षेत्र में वृद्धि के साथ वन्यजीवों की सुरक्षितता बढी है. पर्यावरण स्नेही विकास को राज्य सरकार ने प्राथमिकता दी है. शाश्वत विकास का यह महत्वपूर्ण आधार रहने की बात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहीं. नये सिरे से निर्मित 23 संवर्धन आरक्षित क्षेत्रों में 9 संवर्धन आरक्षित क्षेत्र अधिसूचित हुए है. शेष संवर्धन आरक्षित क्षेत्र की अधिसूचना आगामी दिनों में जारी होगी. राज्य में जो 9 नये संवर्धन आरक्षित क्षेत्र अधिसूचित हुए है, उसमें अमरावती जिले के महेंद्र अभयारण्य का भी समावेश है. विगत दिनों महेंद्र अभयारण्य की घोषणा को लेकर ग्रामवासी व वन विभाग में विवाद भी हुआ था.
राज्य में जो नये संवर्धन आरक्षित क्षेत्रों की घोषणा हुई है, उसमें कोल्हापुर जिले के तिलारी (29.53 चौ.कि.मी.), जोर जांभली (65.11 चौ.कि.मी.), आंबाली दोडामार्ग (56.92 चौ.कि.मी.), विशालगढ (92.96 चौ.कि.मी.), पन्हाल गढ (72.90 चौ.कि.मी.), मायनी पक्षी संवर्धन (08.67 चौ.कि.मी.), चंदगड (225.24 चौ.कि.मी.), गगन बावला (104.39 चौ.कि.मी.), आजरा भुदरगड (238.33 चौ.कि.मी.), मसाई पठार (05.34 चौ.कि.मी.), नागपुर जिले के मुनिया (96.01 चौ.कि.मी.), मोगरकसा (103.92 चौ.कि.मी.), अमरावती जिले के महेंद्री (67.82 चौ.कि.मी.), धुलिया जिले के चिटबावरी (66.04 चौ.कि.मी.), अलालदरी (100.56 चौ.कि.मी.), नासिक जिले के कलवन (84.12 चौ.कि.मी.), मुरागड (42.87 चौ.कि.मी.), त्र्यंबकेश्वर (96.97 चौ.कि.मी.), ईगतपुरी (88.50 चौ.कि.मी.), रायगड जिले के रायगड (47.62 चौ.कि.मी.), रोहा (27.30 चौ.कि.मी.), पुणा जिले के भोर (28.44 चौ.कि.मी.), सातारा जिले के दरेखुर्द महादरे (01.07 चौ.कि.मी.) का समावेश है. इनमें से तिलारी, जोर, जांभली, आंबोली दोडामार्ग, विशालगड, पन्हालगड, मायनी, चंदगड, मुनिया व अमरावती जिले के महेंद्री इन 9 संवर्धन आरक्षित क्षेत्रों का समावेश है.
शासन ने चंद्रपुर जिले के कन्हार गांव (269.40 चौ.कि.मी.), विस्तारित अंधारी वन्यजीव अभयारण्य (78.40 चौ.कि.मी.), जलगांव जिले के मुक्ताई भवानी (122.740 चौ.कि.मी.), गडचिरोली जिले के कोलामार्का (175.72 चौ.कि.मी.), बुलढाणा जिले के विस्तारित लोणार वन्यजीव अभयारण्य (0.8694 चौ.कि.मी.) इन 5 अभयारण्यों की घोषणा की है. पुणा जिले के गणेशखिंड (33.01 चौ.कि.मी.), धुलिया जिले के लांडोरखोली (48.08 चौ.कि.मी.), कोलापुर जिले के बांबर्डे मायरेस्टीका (02.59 चौ.कि.मी.) व शिस्टुरा हिरण्यकेशी इन 4 जैवविविधता वारसा स्थलों की भी अधिसूचना निकाली है. उसी प्रकार लोणार को रामसर साईड का दर्जा दिया गया है तथा ठाणेखाडी, फ्लेमिंगो अभयारण्यों के लिए रामसर दर्जा का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है.