राज्य में जिला परिषद शिक्षकों के 23 हजार पद रिक्त
पालघर जिले में सर्वाधिक 519 शिक्षकों की कमी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.९ – राज्य में जहां एक ओर शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बढाए जाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे है, वहीं दूसरी ओर जिला परिषद शालाओं में शिक्षकों की कमी है. राज्य में जिप शिक्षकों के 23 हजार 435 पद रिक्त है. वहीं राज्य के पालघर जिले में सर्वाधिक 1519 शिक्षकों की कमी है. इसका परिणाम राज्य के शैक्षणिक उपक्रमों पर होगा.
निजी अनुदानित शालाओं के अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन जिला परिषद शालाओं के रिक्त पदों पर किये जाने के आदेश शिक्षण विभाग व्दारा लिये गए. किंतु इस प्रक्रिया में शिक्षण अधिकारियों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड रहा है. निजी अनुदानित शालाओं के अतिरिक्त शिक्षकों के पद पुन: निर्माण हो जाने की वजह से उन शिक्षकों का समायोजन पुन: उसी शाला में किये जाने पर मुल शालाओं ने शिक्षकों का समायोजन करने से इन्कार किया है.
एक ओर अतिरिक्त शिक्षकों की संख्या बडे प्रमाण में रहते हुए दूसरी ओर रिक्त पदों की संख्या उससे अधिक दिखाई दे रही है. जिसकी वजह से अतिरिक्त हुए शिक्षकों का समायोजन कर बाकी रिक्त जगहों पर नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की जाने की आवश्यकता है. निजी शालाओं के शिक्षकों का जिप शालाओं में समायोजन किये जाने को लेकर जिप प्राथमिक शिक्षक संगठना का विरोध है.
राज्य के हिंगोली, नांदेड, अकोला, यवतमाल, नागपुर, चंद्रपुर, गडचिरोली जिले में पहली से पांचवीं कक्षा के शिक्षकों का एक भी पद रिक्त नहीं है. वहीं छटवीं से आठवीं कक्षा के शिक्षकों के अनेक पद रिक्त है. उनमें चंद्रपुर जिले में 781, हिंगोली जिले में 740, अकोला जिले में 721, नागपुर जिले में 598, गडचिरोली जिले में 541, अमरावती जिले में गटशिक्षणाधिकारी 14, शिक्षण विस्तार अधिकारी 35, केंद्र प्रमुख 100, उच्च श्रेणी मुख्याध्यापक 100, विषय शिक्षक 207, सहायक शिक्षक 420 का समावेश है.